कांग्रेस ने कभी कोई बड़ी लकीर नहीं खींची है, क्योंकि बड़ी लकीर वह खींच ही नहीं सकती। उसका विश्वास हमेशा दूसरों की खिंची लकीर को मिटाकर खुद बड़ा होने में रहा है। वह चाहे इतिहास हो या पारंपरिक मीडिया या फिर अब सोशल मीडिया। पहले कुछ बिकाऊ पत्रकारों को अपना गुलाम बनाकर कांग्रेस पारंपरिक मीडिया पर हावी हुई, जो हुकूमत आज तक चल रही है। जब पारंपरिक मीडिया यानि अखबार से लेकर टीवी तक की विश्वसनीयता धूल में मिल गई तो अब उसने सोशल मीडिया को भी साधना शुरू कर दिया है। वैसे तो सोशल मीडिया में शूरू से ही उसकी थू-थू होती रही है। कांग्रेस को इस हाल तक पहुंचाने में मोदी-शाह जोड़ी की भूमिका अहम है ही लेकिन सोशल मीडिया ने कम बड़ी भूमिका नहीं निभाई है। इसलिए उसने सोशल मीडिया को भी अपने गुलामों के माध्यम से पंगु बनाने में तुल गई है।
मुख्य बिंदु
* सोनिया गांधी नियंत्रित यूपीए सरकार की सेवा कर चुके अजीत मोहन बने फेसबुक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर
* जब से संभाली है कमान तभी से राष्ट्रवादियों के पोस्ट होने लगे हैं ब्लॉक, राष्ट्रवादियों की आईडी भी हो रहे हैं ब्लॉक
* कांग्रेस कभी बड़ी लकीर खींच ही नहीं सकती, इसलिए दूसरों की खींची लकीर को मिटाकर खुद बड़ी बनती है
इसका पहला शिकार उसने फेसबुक को बनाया है। अपने जरखरीदार गुलाम अजीत मोहन के माध्यम से। जी हां सही कह रहा हूं। कांग्रेसी अजीत मोहन फेसबुक इंडिया के नए मुखिया बने हैं। उसके मुखिया बनते ही फेसबुक पर से राष्ट्रवादी पोस्ट हटने के साथ ही राष्ट्रवादियों की साइट से लेकर उनके पोस्ट तक ब्लॉक होने लगे हैं। इतना ही नहीं अजीत मोहन के आते ही कई राष्ट्रवादी सोच रखने वालों की आईडी तक ब्लॉक होने लगी है।
कोच्चि में जनमे तथा व्हार्टन यूनिवर्सिटी से शिक्षित अजीत मोहन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी तक के काफी नजदीकी माने जाते हैं। अजीत मोहन सोनिया गांधी नियंत्रित यूपीए सरकार में भी अपनी सेवा दे चुके हैं। गृह मंत्रालय से लेकर योजना आयोग तक में अपनी सेवा दे चुके अजीत मोहन अब कांग्रेस की सेवा में जुट गए हैं। कांग्रेस की पैरवी की वजह से ही अजीत मोहन फेसबुक इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर (प्रबंध निदेशक) तथा उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। तभी तो वे पैसे तो फेसबुक का खा रहे हैं लेकिन लेकिन नमक के हक की अदायगी कांग्रेस के लिए करने में जुट गए हैं।
So Kochi born and Wharton educated Ajit Mohan who worked with a union ministry and Planning Commission under Sonia Gandhi led UPA will now join Facebook India as managing director and vice-president just before next General Elections of India pic.twitter.com/Xlk5dSYj3N
— रवि कांत (@LegalKant) September 24, 2018
निश्चित रूप से कांग्रेस ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपने प्यादे को सही जगह पर फिट करना शुरू कर दिया है। ऐसा कांग्रेस इसलिए कर रही है क्योंकि वह जानती है कि उसकी रानी से लेकर वजीर तक अपने ही सैनिकों से उलझे हुए हैं। ऐसे में अगले चुनावी बिसात पर उसकी हार तय है। इसलिए उसने पारंपरिक मीडिया के बाद अब सोशल मीडिया को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
राहुल गांधी तक अजीत मोहन की पहुंच कनिष्क सिंह के माध्यम से हुई। मालूम हो कि कनिष्क सिंह को राहुल गांधी का सबसे बड़ा सिपहसलाह माना जाता है। दोनों के संबंध काफी मजबूत माने जाते हैं। कनिष्क सिंह राहुल गांधी के राजनीतिक सलाहकार ही नहीं बल्कि सबसे नजदीकी आदमी माने जाते हैं। वही राहुल गांधी के एप्वाइंटमेंट से लेकर विदेशी टूर का इंतजाम भी करते हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस की संपत्ति की भी देखभाल वहीं करते हैं। यही कनिष्क सिंह है जिसने अजीत मोहन को राहुल गांधी तक पहुंचाया है।
कैंब्रिज एनालिटिका के साथ कांग्रेस की साठगांठ में भी अजीत मोहन की भूमिका अहम मानी जाती है। इतना ही नहीं फेसबुक डाटा चोरी के मामले में भी अजीत मोहन की भूमिका संदिग्ध मानी जाती है।
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URL: Facebook India’s New head Ajit Mohan had served UPA govt
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