
भारत में मजहब विशेष की आलोचना वाले पोस्ट हटा रहा फेसबुक, 2018 में 30 लाख पोस्ट्स हटाए, न्यूयॉर्क टाइम्स को हाथ लगे दस्तावेज से खुलासा!
फेसबुक से राष्ट्रवादियों के पोस्ट हटने से लेकर राष्ट्रवादियों की साइट तथा पोस्ट के ब्लॉक होने तक की खबर पहले से आ रही है। इससे संबंधित खबर इंडिया स्पीक्स डेली ने करीब दो महीने पहले यानि 29 अक्टूबर को अपनी वेबसाइट में प्रकाशित भी की थी। लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स को हाथ लगे फेसबुक के 14 सौ से ज्यादा लीक दस्तावेज से यह खुलासा हुआ है कि फेसबुक अपनी वैश्विक नीति से उलट भारत में एक विशेष मजहब और उसके मानने वालें के खिलाफ पोस्ट को बैन ही नहीं कर रहा है बल्कि हटा भी रहा है। फेसबुक का यह खेल भारत में तब से और जोर पकड़ा है जब से कांग्रेस ने अपने गुलाम अजीत मोहन को फेसबुक का इंडिया हेड बनवाया है। इतना ही नहीं अजीत मोहन के आते ही कई राष्ट्रवादी सोच रखने वालों की आईडी तक ब्लॉक होने लगी है।
न्यूयॉर्क टाइम्स को हाथ लगे फेसबुक दस्तावेज के मुताबिक फेसबुक ने अपने कंटेंट मॉडरेटर्स को भारत में विशेष मजहब के खिलाफ पोस्ट्स को बैन करने तथा हटाने का आदेश जारी किया है।फेसबुक ने यह आदेश अपने वैश्विक नीति से इतर जाकर दिया है। मालूम हो कि फेसबुक की वैश्विक नीति के मुताबिक किसी मजहब विशेष की आलोचना हेट स्पीच नहीं है, बल्कि व्यक्तियों के समूह पर हमला करना हेट स्पीच की श्रेणी में आता है। यह स्पष्टीकरण फेसबुक की ग्लोबल पॉलिसी सॉल्यूशंस के उपाध्यक्ष रिचर्ड एलन ने दिल्ली स्थित दफ्तर में दिया था। इसके बाद भी भारत के लिए फेसबुक ने अलग से निर्देश जारी किया है। सवाल उठता है कि फेसबुक ने भारत में यह अलग निर्देश किसके दबाव में जारी किया है?
इस संदर्भ में फेसबुक के कार्यकारी अधिकारियों की बंद कमरे में हुई बैठक में उदाहरण देकर समझाया गया था कि इसलाम की आलोचना करना कहीं गलत नहीं है और फेसबुक इसे हेट स्पीच मानता भी नहीं है, लेकिन मुसलमानों के खिलाफ लिखना या बोलना हेट स्पीच की श्रेणी में आता है। उस बैठक में व्यक्ति और व्यक्ति के समूहों पर हमले को हेट स्पीच मानकर उसे हटाना होगा।
लेकिन भारत में फेसबुक ने इसलाम मजहब से जुड़े हर पोस्ट को हटाना शुरू कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 की आखिरी तिमाही में जहां 16 लाख पोस्ट्स हटाए गए थे 2018 की आखिरी तिमाही में 30 लाख पोस्ट्स हटाए गए हैं।
इतना ही नहीं फेसबुक भारतीय कानून को भी धज्जियां उड़ाने में पीछे नहीं है। फेसबुक को पता है कि भारतीय कानून के तहत ‘आजाद कश्मीर’ का उपयोग प्रतिबंधित है। अर्थात भारतीय कानून ‘आजाद कश्मीर’ लिखने की इजाजत नहीं देता। इसके बाद भी फेसबुक एक्टिविस्ट्स के हवाले से ‘आजाद कश्मीर’ के उपयोग की इजाजत देता है। अभी तक ‘आजाद कश्मीर’ उपयोग वाले पोस्ट्स को न तो ब्लॉक कर रहा है न ही उसके पोस्ट्स को हटाया है।
प्वाइंट वाइज समझिए
फेसबुक की दोगलापंथी
* आखिर किसके दबाव में इस तरह का दोगलापन कर रहा है फेसबुक
* कंटेंट मॉडरेशन के निर्देश पर हटाए गए इसलामिक की आलोचना वाले पोस्ट
* फेसबुक की ग्लोबल पॉलिसी से मेल नहीं खा रहा कंटेंट मॉडरेशन के निर्देश
* ग्लोबल पॉलिसी सॉल्यूशंस के मुताबिक मजहब की आलोचना हेट स्पीच नहीं है
* लोगों के समूह को लक्षित कर हमला करने को ही हेट स्पीच की श्रेणी में रखा गया है
* इसके बाद भी भारत और पाकिस्तान में मजहबों की आलोचना वाले पोस्ट हटा रहा है
* ‘आजाद कश्मीर’ का प्रयोग प्रतिबंधित होने के बाद भी उसका उपयोग किया जाता है
URL : Facebook removed 3 million posts of special religion in 2018 from India!
Keyword : Facebook, posts, special religion, transparency report, Indian law, कांग्रेस, सोशल मीडिया
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