अर्चना कुमारी। नशे के लिए हरे टिड्डे कुछ भी कर सकते हैं। दो नशेड़ी ने एक हिंदू युवक की जान ले ली। पुलिस का कहना है कि वजीराबाद स्थित जगतपुर गांव में बस के भीतर हेल्पर दीपक (42) की बेरहमी से हत्या करने के आरोप में फैजुल रहमान (22) और मोहम्मद फराज (18) को गिरफ्तार किया गया है। इस तरह दोनों ने मिलकर एक घर के चिराग को बुझा दिया ।
पूछताछ में पता चला है कि महज 250 रुपये और दीपक का मोबाइल लूटने के बाद आरोपियों ने पोल खुलने के डर से उसका बेरहमी से कत्ल कर दिया। इतना ही नहीं दोनों आरोपियों ने पेपर कटर से पहले दीपक का गला रेता। इसके बाद ब्लॉक टाइल से करीब दर्जनभर वारकर दीपक के सिर की हड्डियां तोड़ दी। बाद में आरोपी फरार हो गए।
पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर इनके पास से चोरी की एक बाइक बरामद की है। यह घटना हुई देश की राजधानी दिल्ली में जहां आए दिन हिंदू मारे जा रहे हैं और यदि इसी तरह की घटना में कोई हरा टिड्डा मारा गया होता तो अभी तक पूरी पुलिस फोर्स तथा मीडिया हाय तौबा मचा रही होती। दिल्ली का मुख्यमंत्री पीड़ित के घर जाकर तो मुआवजे का चेक देकर आता। लेकिन हिंदू मरा है तो उसके घर को जाने के लिए कोई नेता तैयार नहीं ।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि बुधवार सुबह करीब 10.45 जगतपुर, गली नंबर-16 से पुलिस को हत्या की सूचना मिली थी। कॉलर प्रवीण कुमार ने बताया कि उसका ट्रांसपोर्ट का कारोबार है। उसका यह भी कहना था कि उसकी बसें बायोडाइवर्सिटी पार्क के पास जगतपुर गांव में खड़ी होती हैं। इसके पास पिछले करीब दस सालों से दीपक काम कर रहा था।
रात को वह बस में ही सोता था। बुधवार सुबह वह बस पर पहुंचा तो अंदर खून से लथपथ दीपक की लाश मिली। इस तरह के जानकारी के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला को दो संदिग्ध युवक दिखाई दिए। उसके आधार पर पुलिस ने वजीराबाद के संगम विहार इलाके से फैजुल रहमान और फराज को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस का दावा है कि पूछताछ के दौरान दोनों ने वारदात में अपना हाथ होने की बात भी कबूल कर ली। पुलिस के समक्ष पूछताछ के दौरान आरोपी फैजुल रहमान ने बताया कि करीब एक माह पहले तक वह बस में कंडक्टर का काम करता था। लेकिन उसने नौकरी छोड़ दी। फैजुल और फराज दोनों आपस में दोस्त हैं। उनको नशे की लत है।
बताया जाता है कि उन्होंने दीपक को बस में लूटने की योजना बनाई। दोनों को लगता था कि दीपक के पास पांच हजार रुपये मिलेंगे। लूटपाट के दौरान दीपक के पास महज 250 रुपये मिले। मोबाइल और रुपये लूटने के बाद दोनों चले भी गए, लेकिन फैजुल को लगा कि दीपक उसे जानता है, वह उसकी पोल खोल देगा।
वापस आकर दोनों ने दीपक की हत्या बेदर्दी पूर्वक की और फरार हो गए। दोनों के पास से बरामद बाइक इन लोगों ने जहांगीरपुरी से नवंबर में चोरी की थी। इस तरह दीपक का अंत हो गया और हत्यारे पकड़े गए लेकिन जिस घर का चिराग बुझा है, वहां पर कैसे अंधेरा को हटाया जा सकता है। दीपक के घर मातम पसरा है और परिजनों का रोते-रोते हाल बुरा है जबकि दोनों हत्यारे को अब जेल भेज दिया गया है।