
इस्लामिक आतंकवाद को सपोर्ट करता ‘इस्लामिक करेंसी’!
इस्लामिक आतंकवाद से पूरा विश्व परेशान है और भारत में भी इन आतंकियों ने अपनी गहरी जड़ें जमा रखी है। कोई आतंकी बनने के बाद सीरियल धमाका कर इस देश का नुकसान करना चाहता है तो कोई नकली नोट की तस्करी कर देश की अर्थव्यवस्था को गर्त में पहुंचाना चाहता है। नकली नोट के सोदागऱों के इस ‘इस्लामिक करेंसी’ को तोड़ने के लिए ही नोटबंदी जैसा कदम भी मोदी सरकार ने उठाया, परंतु पुनः यह सब जारी हो चुका है। ‘इस्लामिक करेंसी’ के फैक्ट्रियां पकड़ी जा रही हैं।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली-एनसीआर में फर्जी नोटों को खपाने वाले एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने उत्तर प्रदेश के शहर पीलीभीत में नकली नोट बनाने की फैक्ट्री लगा रखी थी। पुलिस ने इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है । गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मोहम्मद अजीम खान, अकील अहमद उर्फ डाॅक्टर, अकील अहमद और नितिन पटेल के तौर पर की गई है। पुलिस का दावा है आरोपियों की निशानदेही पर करीब एक लाख 34 हजार रूपए फर्जी नोट जब्त किए हैं। सबसे खास बात यह है कि ये आरोपी 100 रूपए के नोट छापा करते थे, जिससे बाजार में खपाने में परेशानी नहीं हो।
दिल्ली पुलिस के पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में 25 लाख नोट खपा चुके है।
पुलिस उपायुक्त संजीव कुमार यादव का कहना है कि पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि एक अंतरराज्जीय गिरोह दिल्ली-एनसीआर में फर्जी नोटो की आपूर्ति में लिप्त है। जबकि इस गिरोह के तार पीलीभीत से जुड़ा हुआ है। स्पेशल सेल टीम को यह भी जानकारी मिली कि गिरोह जल्दी ही Delhi-NCR में नोटों को खपाने की तैयारी कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने सबसे पहले आनंद विहार इलाके से दो आरोपियों मोहम्मद अजीम अहमद और अकील अहमद को गिरफ्तार किया।
बाद में पूछताछ के आधार पर टीम ने अकील अहमद उर्फ डाॅक्टर और नितिन पटेल को गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस तरह के रैकेट चलाने वाले लोग देश की अर्थव्यवस्था पर कुठाराघात कर रहे हैं।
यह सूचना मिली की यह गैंग उत्तर प्रदेश के शहर पीलीभीत में फैक्ट्री लगाकर नकली नोट धड़ल्ले से छाप रहा है। इस जानकारी के बाद स्पेशल सेल टीम ने पीलीभीत में छापेमारी की और छापे जा रहे कारखाना से बड़ी मात्रा में फर्जी नोट और अर्धनिर्मित नोट जब्त किया। दिल्ली पुलिस को आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि कम मूल्य के फर्जी नोट इसलिए छापते थे, ताकि बाजार में खपाने में दिक्कत ना हो।
उन्होंने बताया कि नोट खपाने पर उन्हें मोटा कमीशन मिलता था। साथ ही कोई नोट को देखकर शक भी नहीं करता था। ये आरोपी साल 2012 से नकली नोट को बाजार में खपाने का काम कर रहे है।
पुलिस ने खुलासा किया है कि अभी तक ये आरोपी दिल्ली-एनसीआर में करीब 25 लाख रूपए के नकली नोट को खपा चुके हैं। यह गैंग एनसीआर और उत्तर प्रदेश में सक्रिय था। इनसे 1,34,000 नकली नोट बरामद किए है।
पुलिस के अनुसार, बरामद किए गए नोट सौ -सौ रुपए के हैं। जबकि बीस हजार के अधूरे तैयार नकली नोट मिले हैं। इनके पास से स्कैनर, प्रिंटर, कटर, इंक, टेप और विभिन्न उपकरण बरामद किए गए हैं।
पूछताछ में पता चला है कि डॉक्टर अकील अहमद अपने गुर्गों को दिल्ली एनसीआर में कमीशन के आधार पर नोट की सप्लाई करते थे। नकली नोट सौ और दो सौ रुपए के छापे जाते, फिर उन्हें लोकल मार्केट में उतार दिया जाता था।
पूछताछ में साफ हुआ है कि आरोपी मोहम्मद अजीम खान साल 2018 में अकील अहमद के संपर्क में आकर इस धंधे में शामिल हुआ था। अकील अहमद एक डॉक्टर के यहां कम्पांडर के तौर पर नौकरी कर चुका था। साल 2015 डॉक्टर की मौत हो गई जिसके बाद उसने आगे भी क्लीनिक का काम जारी रखा।
आरोपी के पास कोई मेडिकल प्रमाण पत्र भी नहीं था। नितिन पटेल बीएससी प्रथम वर्ष तक पढाइ कर चुका है। पिछले साल नितिन अपनी पत्नी और दो अन्य लोगों के साथ पकड़ा गया था। आठ महीने वह जेल में रहा, इसके बाद जमानत पर छूटने के बाद वह फिर इसी धंधे में जुट गया था।
इस रैकेट में शामिल कुछ और आरोपियों की पहचान की गई है जिनकी धरपकड़ की जा रही है।
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