फ्रांस सरकार के साथ हुए राफेल डील की सच्चाई तो पहले ही लोगो के सामने आ गई थी लेकिन अब उस झूठ से भी परदा उठने लगा है जिसके आधार पर मोदी सरकार से लेकर देश को बदनाम करने का प्रयास किया गया। फ्रांस के जिस मीडिया पार्ट ने डसॉल्ट यूनियन की आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर राफेल डील पर सवाल खड़ा किया था दरअसल उसकी पूरी रिपोर्ट ही झूठी निकली। देश में भी कांग्रेस और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी को आधार बना कर अभी तक मोदी सरकार के खिलाफ समय-समय पर हमला करते रहते हैं। मीडियापार्ट की रिपोर्ट झूठी साबित होने से यह भी साफ हो गया कि राफेल डील को खत्म करने के लिए देश से लेकर फ्रांस तक झूठ का जाल बुना गया था।
मुख्य बिंदु
* राफेल डील पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले मीडियापार्ट की रिपोर्ट ही झूठी निकली
* मीडियापार्ट की रिपोर्ट पर ही कांग्रेस और राहुल गांधी राफेल डील पर उठा रहे हैं सवाल
मालूम हो कि फ्रांस के एक न्यूज पोर्टल मीडियापार्ट ने 10 अक्टूबर 2017 को डसॉल्ट एविएशन के डिप्टी मुख्य कार्यकारी अधिकारी लोइक सेगलेन के 4 मई 2017 को दिए बयान के हवाले से राफेल डील पर एक रिपोर्ट छापी थी। अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस के साथ ऑफसेट समझौता डसॉल्ट एविएशन के लिए सशर्त, अनिवार्य और वाध्यकारी था। यानि मोदी सरकार ने इसी शर्त के तहत फ्रांस के साथ 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जानकारी डसॉल्ट एविएशन द्वारा अपने यूनियन को दी गई आंतरिक रिपोर्ट पर आधारित है।
मीडियापार्ट के इसी रिपोर्ट के आधार पर भारत में विरोधियों खासकर कांग्रेस और उनके अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर राफेल डील में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था। लेकिन जब वहां के ही विशेषज्ञों ने मीडियापार्ट की रिपोर्ट पर संदेह कर उसकी सत्यता जानने की कोशिश की तो यह पूरी रिपोर्ट ही झूठी निकली। मीडियापार्ट की रिपोर्ट आंतरिक दस्तावेज पर आधारित होने के दावे औंधेमुंह गिर पड़े। क्योंकि उस मीटिंग में सिर्फ अपने यूनियन को भारत के साथ हुए डील की जानकारी दी गई थी। इस प्रकार का कोई बयान दिया ही नहीं गया था।
Definitive clue that @Mediapart is spamming BS about pseudo "inner document" at DA. https://t.co/0ePOcvIXn3
— yves pagot (@emouchet2) October 14, 2018
गौरतलब है कि फ्रांस के नियम के मुताबिक डसॉल्ट कंपनी को अपने यूनियन को किसी भी डील की जानकारी देना वाध्यता है। मीडियापार्ट के इस झूठ को मीडिया पोर्टल ने उजागर किया है। उसने अपनी रिपोर्ट की सत्यता साबित करने के लिए डसॉल्ट एविएशन का वह आंतरिक रिपोर्ट भी संलग्न किया है जो फ्रेंच में लिखा है।
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URL: False traps were woven to eliminate Rafael Deal from India to France
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