अमेरिका के wall street journal में छपी लेख के आधार पर Facebook India की Policy Director आंखी दास पर यौन आधारित हिंसक टिप्पणियां की जा रही हैं। उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। और यह सब शुरू हुआ कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के एक ट्वीट के बाद, जिसमें उन्होंने फेसबुक और भाजपा में सांठगांठ के निराधार आरोप लगा दिए। इसके बाद कांग्रेसी और उसके समर्थक आंखी दास पर अश्लील भाषा और धमकियों के साथ टूट पड़े।
आंखी दास ने इन हमलों को अपने जीवन के लिए खतरा बताया और दिल्ली पुलिस से सुरक्षा देने की मांग की है। इस बाबत उन्होंने लिखित शिकायत दक्षिणी दिल्ली के चितरंजन पार्क थाने से की। जिसके बाद मामले की गंभीरता को देख इस बारे में केस दर्ज करते हुए आगे जांच का जिम्मा स्पेशल सेल की साइबर सेल को सौंप दिया गया है।
फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर ने अपने शिकायत में कहा है कि ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ में 14 अगस्त को छपे एक लेख को लेकर उन्हें लगातार धमकाया जा रहा है। फेसबुक व Twitter पर उनकी फोटो के साथ तमाम पोस्ट वायरल करके उनके खिलाफ आपत्ति जनक टिप्पणियां की जा रही हैं। ऐसे में वह असुरक्षित महसूस कर रही हैं और यह उनके जीवन के लिए खतरा है। उन्होंने अपने तथा परिवार के लिए पुलिस से सुरक्षा की मांग भी की है।
आंखी दास ने कुछ Twitter और फेसबुक एकाउंट का लिंक भी पुलिस को सौंपा है, जहां से उन्हें धमकी मिल रही है। उन्होंने कहा कि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं और सारे आरोप एक खास राजनीतिक विचारधारा से जुड़े हुए हैं।
दक्षिणी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर का कहना है कि उन्होंने मामले को गंभीर देख यह केस साइबर सेल को ट्रांसफर कर दिया है। साइबर सेल के डीसीपी अनीश राय ने बताया कि उन्हें इस बारे में शिकायत मिल चुकी है और इस शिकायत के आधार पर आरोपियों से नोटिस देकर जल्द पूछताछ की जाएगी। आरोपियों के खिलाफ मिले सबूतों को वेरीफाई किए जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
दरअसल देश विदेश के लोगों के बीच झूठ फैला कर जब कांग्रेस नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकस्त देने में नाकाम साबित हुई तब उन लोगों ने फेसबुक और व्हाट्सएप के बारे में एक विदेशी अंग्रेजी अखबार में छपी लेख के आधार पर फेसबुक इंडिया की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर आंखी दास पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री को घेरने की कवायद शुरू की है।
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स हेडिंग से प्रकाशित रिपोर्ट के बाद कांग्रेसियों ने भारत में एक नया सियासी चाल चला है, जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के आधार पर राहुल गांधी ने बीजेपी पर फ़ेसबुक नियंत्रण को लेकर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट किया कि भाजपा-RSS भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप का नियंत्रण करती हैं। इस माध्यम से ये झूठी खबरें व नफ़रत फैलाकर वोटरों को फुसलाते हैं, आख़िरकार अमरीकी मीडिया ने फेसबुक का सच सामने लाया।
वहीं एक अन्य कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने फेसबुक पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि मार्क जकरबर्ग कृपया इस पर बात करें। प्रधानमंत्री मोदी की समर्थक आंखी दास को फेसबुक में नियुक्त किया गया, जो खुशी-खुशी मुस्लिम विरोधी पोस्ट को सोशल मीडिया पर अप्रूव करती हैं। आपने साबित कर दिया कि आप जो उपदेश देते हैं उसका पालन नहीं करते।
कांग्रेस के बड़े नेताओं को इस तरह टिप्पणी करता देख पार्टी के छोटे बड़े अन्य नेताओं ने भी आंखी दास को निशाने पर लिया और सोशल मीडिया के जरिए उन पर भद्दी भद्दी टिप्पणियां शुरू कर दी।
कांग्रेसियों को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया, जो लूज़र ख़ुद अपनी पार्टी में भी लोगों को प्रभावित नहीं कर सकते वो इस बात का हवाला देते रहते हैं कि पूरी दुनिया को बीजेपी और आरएसएस नियंत्रित करती है। भारतीय जनता पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी इस मामले को लेकर कांग्रेसी नेताओं को खरी खोटी सुनाई है।
सारे फसाद की जड़ में अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में कहा गया की फेसबुक भारत में बीजेपी नेताओं के हेट स्पीच के मामलों में नियम में ढील बरतता है। साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी जो वॉट्सऐप की भी मालिक है, उसने भारत में सत्ताधारी दल के सामने हथियार डाल दिए हैं। अख़बार ने दावा किया कि फ़ेसबुक ने अपने मंच से बीजेपी नेताओं के नफ़रत फैलाने वाले भाषणों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया क्योंकि भारत में उसके व्यावसायिक हितों को नुक़सान हो सकता है।
इसको लेकर तेलंगाना से बीजेपी विधायक टी राजा सिंह की एक कथित पोस्ट का हवाला भी दिया गया है। हालांकि सारे आरोपों को बीजेपी ने सिरे से खारिज किया है।
आपको बताते चलें कि फेसबुक कि यह महिला अधिकारी आंखी दास मूलरूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं और वह इंडिया और साउथ-सेंट्रल एशिया में फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर हैं। साल 2011 से आंखी दास इस पद पर कार्यरत्त हैं। इससे पहले वह माइक्रोसॉफ्ट के लिए काम कर चुकी हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंध और राजनीति शास्त्र में मास्टर्स की पढ़ाई कर चुकी आंखी दास ने ग्रेजुएशन कोलकाता के लॉरेटो कॉलेज से की हैै।
वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के अखबार में काम करने वाले एक कथित पत्रकार ने आंखी दास पर काउंटर FIR दर्ज करा कर अपने मालिकों को खुश करने का प्रयास किया है! कांग्रेस शासन वाले छत्तीसगढ़ में दर्ज इस प्राथमिकी के सामने आने पर यह सत्यापित होता जा रहा है कि आंखी दास पर सोशल मीडिया पर हमलावर होने वाले कांग्रेसी विचारधारा के संबंध रखने वाले गुंडा प्रवृत्ति के लोग ही हैं।