मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार तीन साल से भी अधिक दिनों से सत्ता में है लेकिन एक काम भी अभी तक पूरा नहीं किया है। जो दिल्ली मेट्रो अपने तय समय से पहले काम पूरा करने के लिए जाना जाता था उस पर भी केजरीवाल सरकार ने ग्रहण लगा दिया है। दिल्ली मेट्रो फेज-4 का प्रस्ताव पिछले दो सालों से केजरीवाल सरकार की मंजूरी के लिए पड़ा हुआ है। मोदी सरकार के आवास और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने कहा है कि दिल्ली की जनता को केजरीवाल सरकार की उगाही के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। इसलिए मोदी सरकार ने आजिज आकर दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण का काम अकेले पूरा करने का बीड़ा उठा लिया है। दिल्ली के वित्त विभाग से इस परियोजना के बारे में आर्थिक व्यावहारिकता के बारे में जांच करने को कहा गया था। उन्होंने निरीक्षण रिपोर्ट दे दी है। दिल्ली वित्त विभाग ने निरीक्षण रिपोर्ट में प्रस्तावित छह में चार कॉरिडोर पर काम शुरू करने की बात कही थी।
मुख्य बिंदु
*दिल्ली वित्त विभाग ने अपनी आर्थिक व्यावहारिकता रिपोर्ट में छह में से चार कॉरिडोर पर काम आगे बढ़ाने को कहा है
*दिल्ली मेट्रो के इतिहास में पहली बार होगा कि चौथे चरण का पूरा खर्चा अकेले बहन करगी मोदी सरकार
जहां मोदी सरकार देश में तीव्र विकास का परिचायक बनी हुई है वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार लेटलतीफी, अकर्मण्यता और अराजकता फैलाने की पर्याय बन चुकी है। दिल्ली मेट्रो फेज तीन का कार्य पूरा होने को है, चौथे चरण का प्रस्ताव दो साल पहले ही केजरीवाल सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन अभी तक उधर से कोई जवाब नहीं मिला है। केजरीवाल सरकार न केवल दिल्ली की जनता को प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ भड़काने के षड्यंत्र में जुटी है बल्कि केंद्र के विकास कार्य को धीमा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा जितना अड़ंगा लगा सकती है, लगाने की कोशिश कर रही है।
केजरीवाल के केराण दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण का काम पहले ही लेट हो चुका है, अगर और थोड़ा लेट हुआ तो दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को करोड़ो का नुकसान हो सकता है, जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को चुकानी पड़ेगी। ऐसे में मोदी सरकार ने चौथे चरण का काम अकेले दम पर पूरा करने की योजना बनाई है। आवास और शहरी विकास केंद्रीय मंत्री हरिंदर सिंह पूरी का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की वजह से इस परियोजना को अकेले करने के अलावा मोदी सरकार के पास कोई दूसरा विकल्प है ही नहीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की उगाही वाली सोच के आगे दिल्ली की जनता को बेबश नहीं छोड़ सकते। पूरी ने कहा कि इस संदर्भ में याद दिलाने के लिए केजरीवाल को कई पत्र भेजे गए, इतना नहीं आपसी बैठक के दौरान चर्चा की गई, लेकिन इस पर बात आगे नहीं बढ़ी है
दिल्ली सरकार ने चौथे चरण के तहत 104 किलोमीटर मेट्रो लाइन के लिए जनवरी 2017 में मंजूरी दी थी। लेकिन 55,208 करोड़ रुपयों की लागत वाले इस प्रॉजेक्ट को अब तक अंतिम मंजूरी नहीं मिली है। फंडिंग को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच डीएमआरसी ने समय बचाने के लिए फेज-4 का ऐसा काम शुरू कर दिया है, जिसमें कंस्ट्रक्शन का काम शामिल नहीं है। डीएमआरसी ने कुछ कॉरिडोरों के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। चौथे चरण के तहत डीएमआरसी जिन तीन कॉरिडोर को प्राथमीकता दे रही है उसमें जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम, मौजपुर से मुकुंदपुर और एयरोसिटी से तुगलकाबाद शामिल है।
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