विपुल रेगे। करण जौहर की बिग बजट ‘ब्रम्हास्त्र’ को डूबने से अब ईश्वर भी नहीं बचा सकते हैं। एक तो पहले ही इसका कंटेंट लचर है और ऊपर से फिल्म से जुड़े कलाकारों की बयानबाज़ी ने दर्शकों की क्रोधाग्नि को भड़का दिया है। इस आग को श्रीमी वर्मा ने और हवा दे दी है। श्रीमी वर्मा करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन में डेवलपमेंट एक्जीक्यूटिव के रुप में कार्यरत हैं। श्रीमी वर्मा के वायरल ट्वीट्स ने धर्मा प्रोडक्शन के ताबूत पर अंतिम कील ठोंक दी है।
श्रीमी वर्मा कल तक एक अनजाना चेहरा थीं। उनको फ़िल्में देखने वाले आम दर्शक नहीं पहचानते थे लेकिन आज सारे देश में उनके नाम की चर्चा हो रही है। इससे पहले कि करण जौहर के प्रोडक्शन में धर्मा प्रोडक्शन में डेवलपमेंट एक्जीक्यूटिव श्रीमी वर्मा अपने ट्वीट्स डिलीट कर पाती, किसी ने उन्हें वायरल कर दिया। पता चला कि सन 2017 से श्रीमी सनातन के विरुद्ध विष वमन कर रही थीं। श्रीमी वर्मा अपने निजी मंच ट्वीटर पर हिन्दू बेटियों का रेट दुनिया को बता रहीं थीं।
उनका दुःसाहस इस कदर था कि आलिया भट्ट, रणबीर कपूर और करण जौहर की सार्वजानिक धुलाई के बाद भी उनकी ट्विटरगिरी दबंगई से चल रही थी। यदि उनके ट्वीट का स्क्रीन शॉट वायरल नहीं होता तो उनकी अश्लील अभद्रता आगे भी जारी रहने वाली थी। फिलहाल तो श्रीमी गायब हैं और उनके ट्वीटर खाते को प्रोटेक्ट कर दिया गया है। श्रीमी के साहस की प्रशंसा तो उनके पिता भी करते होंगे। वे एक ट्वीट में लिखती भी हैं कि उनके पिता संघी हैं लेकिन वे नहीं हैं।
सनातन, संघ और परंपराओं के प्रति श्रीमी का घृणित नज़रिया देखकर लगता है कि उन पर जेएनयू की शिक्षा प्रणाली का प्रभाव है और वहां से प्राप्त ज्ञान को वे ट्वीटर पर गाहे-बगाहे उड़ेलती रहती हैं। श्रीमी हिन्दू पुरुषों को लेकर अश्लील कमेंट करती हैं। वे गौ मूत्र को शराब के साथ पीने की सलाह देती हैं। इन सबसे बढ़कर श्रीमी लव जेहाद से पीड़ित महिलाओं का मज़ाक बनाती हैं। वे अपने ट्वीटर खाते पर एक लिस्ट जारी करती हैं। इस सूची में श्रीमी लड़कियों के रेट बताकर भद्दा मज़ाक कर रही हैं।
श्रीमी जैसी महिलाओं की विचारधारा का झरना जिस पहाड़ी से गिरता है, वह पहाड़ी ‘वुमन लिबरेशन’ की पहाड़ी है। श्रीमी को ये सब करने में स्वतंत्रता का अनुभव होता है। ऐसे लोग जितने विचारों में नग्न होते हैं, उतना ही स्वयं को आज़ाद अनुभव करते हैं। ऐसा करने में उन्हें एक अजीब सी तृप्ति प्राप्त होती है। समाज को आश्चर्य होना चाहिए कि श्रीमी ऐसा समाज से प्रतिशोध लेने के लिए नहीं करती हैं, अपितु उसे इसमें मज़ा आता है। फेमिनिस्ट अक्सर ऐसे वैचारिक ऑर्गेज्म से तृप्त होते रहते हैं।
श्रीमी ने अपने ट्वीट हटा दिए हैं। उससे अब कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। तीर चल चुका है और वह ‘ब्रम्हास्त्र’ की भावी सफलता की चादर में अच्छा-खासा छेद भी कर चुका है। फिल्म की ओपनिंग अब और भी कम फुटफॉल्स के साथ होगी। श्रीमी वर्मा उस कलेक्शन को खा गई, जो करण जौहर को सप्ताहांत में मिलने वाला था।