…भाग-4
बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड का कनेक्शन आज से नहीं बल्कि चालीस के दशक से चला आ रहा है। आज हम अपराध जगत का जो दखल फिल्म उद्योग में देख रहे हैं, इसकी नींव अफगानी पठान करीम लाला ने रखी थी। अपराध का फिल्म जगत में प्रवेश एक अभिनेत्री के कारण हुआ था और देखते ही देखते अपराध से कमाया जाने वाला धन फिल्मों में लगाया जाने लगा। दुबई के अवैध पैसों से फिल्म जगत में एक समानांतर सत्ता का जन्म हुआ जिसने अघोषित ढंग से फिल्म उद्योग को हथिया लिया। आज से इंडिया स्पीक्स डेली पर बॉलीवुड व अपराध जगत के रिश्तों पर एक श्रंखला शुरू की जा रही है। इसे पढ़कर आप जानेंगे कि अंडरवर्ल्ड किस तरह फिल्म उद्योग में घुसपैठ कर काला पैसा सफ़ेद कर रहा है।
दाऊद बाहर से बैठकर ऑपरेट कर रहा था। उसका धंधा संभालने के लिए मुंबई में सैकड़ों पंटर मौजूद थे। किसी को ‘टपकाने’ के लिए अलीगढ़ के जांबाज लौंडों की भी कोई कमी नहीं थी। ये अलीगढ़ी शूटर दस हज़ार में भी किसी का गेम बजाने के लिए तैयार हो जाते थे। दाऊद का धंधा दो तरफ़ा काम कर रहा था। एक ओर वह नामी बिल्डरों से पैसा वसूल रहा था तो दूसरी तरफ फिल्म फाइनेंस पर उसका नियंत्रण लगभग हो ही चुका था। फिल्म उद्योग के नामी घरानों को छोड़ दे तो बाकी सभी दाऊद के नाम से खौफ खाते थे।
गुलशन कुमार की मौत के बाद राकेश रोशन पर जानलेवा हमले ने उद्योग को थर्रा दिया था। 21 जनवरी सन 2000 को सांताक्रूज़ वेस्ट में तिलक रोड पर निर्माता निर्देशक राकेश रोशन पर जान उस्मान नाम के पेशेवर शूटर ने दो गोलियां दागी थी। एक गोली उनकी बायीं बाजू में और दूसरी सीने में जा धंसी थी। इस हमले में राकेश बाल-बाल बच गए थे।
उस्मान दाऊद के ही ख़ास अबू सालेम का शार्पशूटर था। इसने दाऊद के इशारे पर कई फ़िल्मी हस्तियों से जबरिया वसूली की थी। दलेर मेहँदी और रवीना टंडन के पति अनिल थडानी भी इन पीड़ितों में शामिल थे। उस्मान उर्फ़ रीनू गुलशन कुमार की हत्या करने वाली गैंग का सदस्य था। पकडे जाने के बाद ये फरार हो गया था और इसी साल रीनू फिर गिरफ्तार कर लिया गया है। दाऊद के काले साम्राज्य के खिलाफ वह एक अहम गवाह है। इसके अलावा अली बाबा बुदेश भी है। अली बाबा पहले प्रोड्यूसरों, डायरेक्टरों और एक्टरों को उगाही की धमकी दिया करता था। बाद में दाऊद से मतभेद होने के बाद ये बहरीन भाग गया।
दाऊद का भाई इक़बाल कासकर लंबे समय से दाऊद के इशारे पर मुंबई में ज्वेलर्स और बिल्डर्स से उगाही कर रहा था। उसका आतंक इस कदर था कि बीते कुछ साल में उसने करीबन सौ करोड़ की वसूली की। इकबाल की फिल्म उद्योग में खासी घुसपैठ है। फ़िलहाल इक़बाल पुलिस का मेहमान बना हुआ है। नई मोदी की सरकार आने के बाद दाऊद के धंधे पर करारी चोट पड़ी है। उसके ख़ास गुर्गे जेल में हैं। इसके चलते फिल्म उद्योग पर उसकी पकड़ छूटने लगी है। इस हालत में दाऊद इब्राहिम घायल नाग की तरह हो गया है।
आने वाले दो भागों में जानेंगे कि दाऊद ने किस तरह भारत के खिलाफ ‘सांस्कृतिक अपयश’ का युद्ध छेड़ दिया है। कैसे नोटबंदी ने दाऊद को तबाह कर दिया और अब उसके साम्राज्य को तबाह होने में कुछ ही वक्त बाकी रह गया है। ये सब कुछ अगले दो भागों में। प्रतीक्षा करें… जारी रहेगा!
बॉलीवुड-अंडरवर्ल्ड नेक्सस के बारे जानने के लिए नीचे पढ़ें:
2- बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड नेक्सस: प्रेमिका के लिए फिल्मों में पैसा लगाया और बन बैठा फिल्म फाइनेंसर!
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