आप यूट्यूब के सर्च बॉक्स में रणधीर कपूर का नाम टाइप करें तो अगला वर्ड बर्थडे आएगा। बीते चौबीस घंटों में विश्वभर से यूजर्स रणधीर का कोई पुराना गीत सुनना नहीं चाह रहे हैं, बल्कि उस जन्मदिन की पार्टी का वीडियो देखना चाहते हैं, जो कपूर परिवार के एक सदस्य राजीव कपूर के निधन के महज पांच दिन बाद दी गई थी। स्वयं राजकपूर का मंत्र था ‘शो मस्ट गो ऑन।’ कुछ भी हो, शो चलते रहना चाहिए। इस पार्टी के बाद कपूर खानदान को ये भी जोड़ देना चाहिए ‘पार्टी मस्ट गो ऑन।’
राजीव कपूर के निधन के बाद रणधीर कपूर का जन्मदिन क्यों मनाया गया, ये सवाल यूट्यूब और ट्वीटर पर लगातार पूछे जा रहे हैं। हालांकि इन लोगों की फ़िल्में देखने वाले दर्शकों को जवाब कभी नहीं दिया जाता है। राजीव कपूर उस परिवार में परित्यक्त थे। फिल्म उद्योग में यदि आप सफल नहीं हैं तो आपको उनकी कम्युनिटी में शामिल होने के योग्य नहीं समझा जाता।
फ्लॉप सितारें, फ्लॉप निर्माता और फ्लॉप निर्देशक यहाँ जल्दी ही बिसरा दिए जाते हैं। यहाँ सब कुछ स्टेटस से तय होता है, यहाँ तक कि आपकी मौत पर जो मजमा लगेगा, वह भी स्टेटस का मोहताज है। राजीव कपूर का भाग्य ऐसा रहा कि कपूर खानदान पर आधिकारिक रुप से लिखने वाला फिल्म लेखक भी उन्हें भूल गया। उस लेखक के कॉलम में राजीव क्यों नहीं थे, ये प्रश्न बड़ा है।
राजीव भले ही फ्लॉप रहे लेकिन उनकी एक फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ के जरिये तो उन्हें पूरा देश जान गया था। राजीव इतने भी गुमनाम नहीं थे कि एक दैनिक समाचार पत्र के कॉलम में उनका जिक्र ही न किया जाए। फिल्म लेखक रणधीर कपूर का जन्मदिन नहीं भूलते। वे लिखते हैं कि अन्य भाइयों के हिस्से में माखन आया लेकिन रणधीर को छांछ से ही संतोष करना पड़ा।’
इस लेख में भी उन्हें पांच दिन पूर्व दिवंगत हुए राजीव कपूर का ख्याल नहीं आया। रणधीर के जन्मदिन पर आलिया भट्ट, रणबीर, करिश्मा, करीना, सैफ अली खान ने शिरकत की थी। बॉलीवुड से पहले ही क्रोधित दर्शकों ने इस जन्मदिन की पार्टी को लेकर इन सितारों की ट्रोलिंग शुरु कर दी है। सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध हत्या के समय से ही देश देख रहा है कि बॉलीवुड जनभावनाओं का आदर नहीं कर रहा है।
इन सितारों की बयानबाज़ी और इस तरह की हरकतों से फिल्म उद्योग अपना भयानक भविष्य गढ़ रहा है। आपने देखा होगा कि फिल्म उद्योग में किसी का निधन हो जाने पर अंतिम संस्कार के समय कैसी तैयारियां होती हैं। सितारें शोक के अवसर पर भी फैशन वॉक करते दिखाई देते हैं। सफ़ेद झक कपड़ों में एक काले रंग का चश्मा लगाए शोक प्रकट करने आते हैं।
उनके आने से पूर्व मेजबान को देखना होता है कि मीडिया की व्यवस्था है या नहीं। मीडिया के कैमरे न हो तो शोक प्रकट करना कुछ असहज हो जाता है। उनका हर काम कैमरे का मोहताज है। जन्मदिन, मरणदिन या बच्चे का जन्म हो, कैमरा अत्यंत आवश्यक है।
अब तो बच्चे की पॉटी के बारे में ख़बरों के जरिये बताना एक रिवाज हो गया है। रणधीर कपूर की पार्टी में भी मीडिया मौजूद था। संभवतः कपूर परिवार उस घृणा से परिचित नहीं है, जो देश अचानक बॉलीवुड से करने लगा है। रणबीर और आलिया जन्मदिन पर आए। राजीव आज होते, तब भी आते। यही कपूर परिवार का मूलमंत्र है ‘शो मस्ट गो ऑन।’
जय श्रीराम