महिलाओं के अधिकार की लड़ाई लड़ने का दंभ भड़ने वाली नारीवादी महिला तृप्ति देसाई ने केरल सरकार से सबरीमाला आने का खर्चा मांगा है। ये वही तृप्ति हैं जो महिलाओं की धार्मिक अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक चली गई थी। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के लिए आंदोलन करने का दावा कर रही है। ये वही तृप्ति देसाई हैं जो हाजी अली जाने पर उनके सारे कायदे को मानती हैं लेकिन सबरीमाला जाने के लिए उन्हें सरकार से अपनी यात्रा का खर्चा चाहिए। दो समुदायों के साथ अलग-अलग व्यवहार करने वाली तृप्ति देसाई खुद को नारीवादी कहती हैं।
On Sabarimala:
Trupti Desai asks Kerala Communist Govt to fund her Sabarimala visit.
On Haji Ali:
Trupti Desai entered Haji Ali up to the point women are allowed & followed all rules of Islamic Shrine & She didn't enter inner sanctum despite SC verdict.
This is Feminism for you
— Anshul Saxena (@AskAnshul) November 15, 2018
भारतीय राजनीति के साथ ही विदेश मामलों के बेहतर जानकारी रखने वाले अंशुल सक्सेना ने ट्वीट कर तृप्ति देसाई के पाखंड को उजागर किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि सबरीमाला जाने के लिए देसाई को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की सरकार से अपनी यात्रा का पूरा खर्चा चाहिए। यह खर्चा उन्होंने खुद मांगा है। उन्होंने कहा है कि वह सबरीमाला तभी जाएंगी जब इसका खर्चा केरल की कम्युनिस्ट सरकार उठाएगी। गौरतलब हो कि महिलाओं के प्रवेश के लिए उन्होंने सबरीमाला जाने का ऐलान कर रखा है।
मुख्य बिंदु
* इसलामिक कानून का पालन करने के बाद भी तृप्ति देसाई को हाजी अली के आंतरिक पाक स्थल तक नहीं जाने दिया गया
* वहीं ये लोग मंदिर में प्रवेश के बावजूद सबरीमाला के गर्भ गृह में महिलाओं के प्रवेश पर अड़ी है तथाकथित नारीवादी महिलाएं
ध्यान रहे कि तृप्ति देसाई जब हाजी अली गई थी तो उन्होंने उसके सारी रीतियों को फॉलो किया। मालूम हो कि जहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है वहां तक उन्हें जाने भी नहीं दिया गया। देसाई को वहीं तक जाने दिया गया जहां तक महिलाओं का जाना निर्धारित है। इसलामिक रीति निभाने के बाद ही उन्हें हाजी अली में प्रवेश दिया गया। इसलामिक कानून मानने के बावजूद उन्हें आंतरिक पाक स्थल तक जाने की अनुमति नहीं दी गई। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने हाजी अली के आंतरिक पाक स्थल तक महिलाओं के प्रवेश का आदेश दिया था। कहने का मतलब साफ है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी देसाई को उस स्थान तक नहीं जाने दिया गया जहां के लिए महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। या यूं कहें कि जहां तक के प्रवेश के लिए उन लोगों ने लड़ाई लड़ी थी।
URL: for going Sabarimala, Trupti Desai sought money from Kerala’s Vijayan Govt.
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