
…तो मुसलिम वोटों के खातिर ही चंद्रबाबू नायडू ने तोड़ा भाजपा और एनडीए से नाता !
एक समय था जब आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तूती बोलती थी। उनकी तड़क-भड़क से दुश्मन तो दुश्मन दोस्त भी घबराते थे। लेकिन जब कांग्रेस के वाइएस राजशेखर रेड्डी ने उन्हें चुनाव में पटखनी देकर राज्य में 10 सालों तक उभरने नहीं दिया तो फिर भाजपा ने ही सहारा देकर उन्हें राजनीतिक जीवनदान दिया। लेकिन नायडू ने एक बार फिर मुस्लिम वोट पाने के चलते भाजपा को दगा दिया है। वैसे भी चंद्रबाबू नायडू की अल्पसंख्यक वोट बैंक की तरफ भागने की पुरानी आदत रही है। लेकिन इस बार केंद्र में अटल और आडवाणी की जोड़ी नहीं बल्कि मोदी और शाह की जोड़ी है, जो मुस्लिम वोट बैंक वालों को नया राजनीतिक पाठ पढ़ाने में माहिर है। और इस बार नायडू को मोदी और शाह की जोड़ी से पाला पड़ने वाला है।
मुख्य बिंदु
* आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलना तो एक बहाना भर था
* मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू प्रदेश के विकास के प्रति गंभीर रहे ही नहीं
* एनडीए से नाता तोड़कर चंद्रबाबू नायडू ने प्रदेश की जनता से किया दगा
जब से नायडू ने एनडीए से नाता तोड़कर अलग राह चुनी है तब से उनका ध्यान मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने पर लगा है। तभी तो उन्होंने विजयवाड़ा में हज हाउस की आधारशिला रखते हुए कहा कि एकमात्र टीडीपी ऐसी पार्टी है जिसने आंध्र प्रदेस की राजधानी हैदराबाद, विजयवाड़ा और कडापा में हज हाउस बनवाने के साथ ही पूरे प्रदेश में कई मस्जिदों का निर्माण कराया है। इसके अलावा उर्दू भाषा को बढ़ाने का काम किया है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का बयान यह नहीं दर्शाता है कि आखिर उन्होंने एनडीए से क्यों अपना नाता तोड़ा। उनके इस बयान से यह भी स्पष्ट हो जाता है कि मोदी सरकार पर राज्य को विशेष दर्जा नहीं देकर वादाखिलाफी करने का आरोप भी गलत है। नायडू भाजपा पर सिर्फ आरोप लगा रहे हैं हकीकत कुछ और है। नायडू को पूरे प्रदेश के विकास की चिंता नहीं है बल्कि मुस्लिम वोट बैंक की चिंता है। वे मुस्लिमों का भी विकास नहीं करना चाहते बल्कि उसके हाथ में मस्जिदों का झुनझुना पकड़ाकर नमाजी बनाना चाहते हैं।
नायडू के मुसलिम प्रेम से यह तो साबित हो गया है कि वह आंध्र प्रदेश की जनता के विकास के प्रति थोड़े भी गंभीर नहीं हैं। वैसे भी वह कभी प्रदेश के विकास को लेकर कभी गंभीर रहे ही नहीं। वे शुरू से ही तड़क-भड़क वाली सरकार चलाते रहे। साइबर मुख्यमंत्री कहलाने वाले नायडू के शासनकाल में आंध्र प्रदेश में टेक्नोलॉजी उद्योग की क्या गत है किसी से छिपा नहीं है। अगर वे प्रदेश में विकास किए होते तो कांग्रेस के वाइएस राजशेखर रेड्डी के हाथी इतनी बुरी हार नहीं झेलनी पड़ती। मालूम हो कि जब तक रेड्डी प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे नायडू उभर ही नहीं पाए। उस समय अगर भाजपा का साथ नहीं मिला होता तो उनकी राजनीतिक पारी भी खत्म हो चुकी होती। चूंकि कांग्रेस का हाल प्रदेश में बुरा है इसलिए नायडू ने प्रदेश की करीब 10 प्रतिश आबादी वाले मुसलिम समुदाय पर अपना राजनीतिक दांव खेला है।
वैसे भी मोदी तब से नायडू को जानते और देखते आ रहे हैं जब से वे गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं। मोदी नायडू की चालाकी से भलीभांति परिचित हैं और उनकी चालाकी देखी है कि किस प्रकार वह अपनी बात केंद्र में रही वाजपेयी सरकार से मनवाते रहे हैं। लेकिन मोदी ने इस बार नायडू की एक भी चालाकी नहीं चलने दी। वैसे भी मोदी और शाह अल्पकालिक राजनीति में विश्वास ही नहीं करते वे तो दीर्घकालिक राजनीति करने में विश्वास करते हैं। वे दूसरों के लिए अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने को बाधित नहीं करते बल्कि उसे ही केंद्र में रखते हैं ताकि आने वाले समय में उनकी पार्टी को किसी की बैसाखी की जरूरत न पड़े। इसलिए इस बार नायडू को अपना ही दांव उलटा पड़ने वाला है।
URL: for Muslim votes, Chandrababu Naidu broke up with BJP and NDA!
Keywords: Chandrababu Naidu, Muslim votes, andhra pradesh, Chandrababu Naidu broke up with BJP, pm modi, amit shaha चंद्रबाबू नायडू, मुस्लिम वोट बैंक, भाजपा, आंध्र प्रदेश,
ज्ञान अनमोल हैं, परंतु उसे आप तक पहुंचाने में लगने वाले समय, शोध, संसाधन और श्रम (S4) का मू्ल्य है। आप मात्र 100₹/माह Subscription Fee देकर इस ज्ञान-यज्ञ में भागीदार बन सकते हैं! धन्यवाद!
Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Bank Details:
KAPOT MEDIA NETWORK LLP
HDFC Current A/C- 07082000002469 & IFSC: HDFC0000708
Branch: GR.FL, DCM Building 16, Barakhamba Road, New Delhi- 110001
SWIFT CODE (BIC) : HDFCINBB
Paytm/UPI/Google Pay/ पे / Pay Zap/AmazonPay के लिए - 9312665127
WhatsApp के लिए मोबाइल नं- 8826291284