यह फोटो सुंदर है, परंतु न यह शाहरुख की पत्नी गौरी है, न उसकी बेटी सुहाना। यह शाहरुख की मैनेजर पूजा डडलानी है जो अपने धर्म के अनुरूप लताजी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर रही है, वैसे ही जैसे शाहरुख अपने मजहब के हिसाब से दुआ कर रहा है।
लेकिन विनोद शर्मा जैसे कांग्रेसी पत्रकारों से लेकर ‘वैश्विक पंचमक्कार बिरादरी’ ने इसे गौरी खान साबित करते हुए जिस तेजी से सेक्यूलरिज्म का एजेंडा सेट करना चाहा वह दर्शाता है कि पंचमक्कारों का वजूद ही केवल और केवल झूठ पर टिका है!
और हां, कुछ तथाकथित राष्ट्रवादी और राष्ट्रवादी पत्रकार भी बिना सच जाने ‘मास्टरस्ट्रोक’ लगाने लगे। इसीलिए इन्हें ‘सरकारी हिंदू’ कहता हूं, क्योंकि ये भेड़चाल वाले मौका देखकर रंग बदलने से बाज नहीं आते!
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