विदेशी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस बार के लोकसभा चुनाव में मोदी दोबारा जीतकर सत्ता में नहीं आते तो भारत की प्रगति रुक जाएगी। कहने का मतलब साफ है कि भारत के विकास की गति बढ़ाने के लिए 2019 में मोदी का दोबारा जीतना जरूरी है। सिसको के पूर्व प्रमुख जॉन चैंबर का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भारत का विकास और प्रगति दांव पर है! क्योंकि अगर मोदी जीते तो भारत का विकास आगे बढ़ेगा नहीं तो देश की प्रगति रुक जाएगी। कहने का मतलब साफ है कि अगले साल देश में होने वाले आम चुनाव में दांव पर कांग्रेस या भाजपा नहीं बल्कि देश का प्रभावशाली विकास और प्रगति रहने वाली है।
India's 'impressive development and growth' at risk if Narendra Modi @narendramodi is not re-elected, says ex-Cisco boss John Chambers
— Praveen Tiwari (@pubbloomsbury) July 13, 2018
मुख्य बिंदु
* अगले लोकसभा चुनाव में देश का प्रभावशाली विकास और समावेशी प्रगति ही दांव पर होगी
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही देश के ऐसे शख्स हैं जो हर दिन देश के हित की चिंता करते हुए उठते हैं
भविष्य के लिए कही गई बात तब तक सही नहीं मानी जाती जब तक हमारे पास विगत का कोई उदाहरण नहीं हो। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पिछले एनडीए सरकार का उदाहरण हमारे सामने हैं। वाजपेयी जी ने जितना विकास देश का किया था कांग्रेस ने आते ही उन सारी विकास योजनाओं का बेड़ा गर्क कर दिया। इसलिए अगर विदेशी विशेषज्ञ नरेंद्र मोदी के दोबारा जीतने को देश के हित में बता रहे हैं तो कुछ गलत नहीं बता रहे।
इस संदर्भ में वांशिगटन में गुरुवार को यूएस-इंडिया स्ट्रेटजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईपीएफ) के वार्षिक सम्मेलन में शामिल अमेरिका के शीर्ष उद्योगपतियों का कहना है कि भारत के विकास और प्रगति को जारी रखने के लिए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोबारा जीतना जरूरी है। यूएसआईपीएफ के चेयरमैन जॉन चैंबर्स का कहना है कि अगर मोदी दोबारा सत्ता में नहीं आए तो भारत का विकास तो रुक ही जाएगा साथ ही साथ देश की समावेशी प्रगति खत्म हो जाएगी। इस अवसर पर सीआईएससीओ के पूर्व चेयरमैन तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन चैंबर्स ने भारतीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भारत के पास अभी दुनिया में सबसे मजबूत समावेशी प्रगति वाला राष्ट्र बनने का अवसर है। उन्होंने कहा है कि मोदी में अपने देश को एक दशक आगे ले जाने का सामर्थ्य है। उन्होंने कहा जहां तक मेरी धारणा की बात है तो मोदी अपने देश को सही दिशा की तरफ ले जा रहे हैं।
चैंबर्स ने तो यहां तक कहा कि अगर इस बार मोदी को दोबारा मौका नहीं मिला तो यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा न कि मोदी के लिए, इसलिए वह चाहते हैं कि भारत के लोग इस बार मोदी को दूसरा अवसर दें ताकि वह अपना विजन पूरा कर सकें। पत्रकारों द्वारा पूछे गए इस सवाल पर कि यदि 2019 में मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बने? चैंबर्स ने कहा कि मोदी साहसी है वही अकेला एक शख्स हैं जो हर दिन अपने देश की हित की चिंता करते हुए उठते हैं।
अगर पीछे का इतिहास देखे तो यही पता चलता है कि पांच साल में भाजपा सरकार जो अर्जित करती है कांग्रेस उसे दस साल में उपभोग कर खत्म कर देती है। यहां तक कहा जा रहा है कि भाजपा सत्ता में आकर पांच साल में देश की तिजोरी भरती है तो कांग्रेस सत्ता में आते ही उसका गबन करना शुरू कर देती है। आंकड़ा भी इसी ओर इशारा करती है और आंकड़े कभी झूठ नहीं बोलते!
साल 2004 में जब वाजपेयी की सरकार सत्ता से बाहर हुई थी देश की जीडीपी विकास दर 8.4 प्रतिशत थी। वहीं जब कांग्रेस 2014 में सत्ता से बाहर हुई तब यह दर 4.5 प्रतिशत थी। खास बात यह की अब जब मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम साल है तो फिर भी यह दर 7.7 प्रतिशत तक पहुंच गई है। 2004 में वाजपेयी की सरकार के जाने के बाद देश का वित्तीय घाटा दर 3 प्रतिशत था, वहीं साल 2014 में जब कांग्रेस की सरकार गई तब वित्तीय घाटा दर बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो गया और अभी यह दर 3.2 प्रतिशत है। वाजपेयी की सरकार के कार्यकाल में महंगाई दर महज 4 प्रतिशत थी जब कांग्रेस के शासनकाल में यह प्रतिशत बढ़कर 12 हो गई थी जबकि एक बार फिर मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के कार्यकाल में महज 4 प्रतिशत है।
Numbers don't lie….
GDP Growth Rate
2004: 8.4%
2014: 4.5%
2018: 7.7%
Fiscal Deficit Rate
2004: 3%
2014: 4.5%
2018: 3.2%
Inflation Rate
2004: 4%
2014: 12%
2018 : 4%#Modijifor2019 #SaafNiyatSahiVikas #sabkasathsabkavikas
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) July 10, 2018
URL: Foreign expert said India’s growth at risk if Modi is not re-elected in 2019
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