अर्चना कुमारी। ओमी राम उर्फ राम मारवाड़ी सीमा सुरक्षा बल का पूर्व रसोईया रहा है लेकिन उसे 100 करोड़ की ठगी के आरोप के चलते गिरफ्तार किया गय । उसके खिलाफ 59 से ज्यादा मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इनमें से 46 मामलों में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था। पुलिस का दावा है कि वर्ष 2020 में वह दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार हुआ था लेकिन उसने उस समय अपना असली नाम नहीं बताया था। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है कि सूचना मिली थी कि राजस्थान का रहने वाला ओमी राम ठगी के 59 मामलों में शामिल है।
जबकि 46 मामलों में कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा है। इसके अलावा कई मामलों में उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है। इन मामलों में वह लगातार फरार चल रहा है और इतना ही नहीं राजस्थान पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर इनाम भी घोषित किया हुआ है। छानबीन के दौरान पता चला कि वह नॉर्मल कॉल इस्तेमाल नहीं करता और सोशल मीडिया ऐप के जरिए ही अपने परिवार एवं दोस्तों से बात करता है। इसके बाद पुलिस इस आरोपी को पकड़ने की योजना बनाई और पुलिस टीम लगभग छह महीने से उसके बारे में छानबीन करते हुए रोहिणी से उसे धर दबोचा।
दिल्ली पुलिस का दावा है कि पुलिस के पास उसकी तस्वीर नहीं थी। यह भी पता चला कि वह नजफगढ़ में रेप के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वहां से पुलिस ने उसकी फोटो हासिल की और इस आरोपी को पकड़ने में कामयाबी पाई। आरोपी ने खुलासा किया कि वह पहले बीएसएफ में कुक की नौकरी करता था। 2007 में उसने जयपुर में सिक्योरिटी एजेंसी खोली थी।
उसने 60 कर्मचारियों को रखा और बाद में यह सिक्योरिटी एजेंसी बेच दी। इसके बाद उसने मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी मिताशी मार्केटिंग एंड कंसलटेंसी प्राइवेट लिमिटेड के साथ एजेंट के तौर पर काम किया। यहां उसने लगभग डेढ़ करोड़ रुपये कमाए। साल 2008 में उसने अपनी नई कंपनी मिताशी ट्रेड लिंक एंड प्राइवेट लिमिटेड नाम से खोल ली। इसमें वह एमडी था। यह कंपनी नए सदस्यों को लाने पर कमीशन देती थी। नए मेंबर को 4000 रुपये जमा कराने होते थे। जॉइनिंग पर उसे 400 रुपये का एक सफारी सूट दिया जाता था।
प्रत्येक व्यक्ति को आगे कम से कम 10 लोगों को जोड़ना था। एक वर्ष तक प्रत्येक महीने दो लाख रुपये टारगेट पूरा करने वाले एजेंट को बाइक तोहफे में दी जाती थी। इस तरीके से हजारों लोगों ने उसकी कंपनी में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जमा कराई थी। इसे लेकर वह फरार हो गया था। लेकिन आज तक पकड़ा नहीं गया था। गिरफ्तारी के डर से वह राजस्थान से भागकर इंदौर चला गया और वहां पर उसने एक को ऑपरेटिव सोसाइटी का लाइसेंस लिया। वहां पर वह राम मारवाड़ी के नाम से रहता था।
उसने कई जगह पर अलग-अलग कारोबार किए ,जिनमें उसे घाटा हुआ। 2014 में वह दिल्ली आ गया था और यहां पर प्रॉपर्टी का कारोबार करने लगा। 2018 में उसने कैशबैक बाजार नाम से नजफगढ़ में ग्रॉसरी स्टोर खोला था, लेकिन वह नहीं चला. 2020 में उसे नजफगढ़ पुलिस ने रेप के मामले में गिरफ्तार किया था। उस समय उसने अपना नाम राम मारवाड़ी बताया था। 2021 में उसने अपना कार्ट नाम से ई-कॉमर्स प्लेटफार्म शुरू किया था। वह फिलहाल इंदौर में किराए के मकान में रहता था। ओमाराम उर्फ राम मारवाड़ी राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला है।