अर्चना कुमारी। इसी साल जनवरी माह में इजराइली दूतावास के आगे जबरदस्त धमाका हुआ था । इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस, केंद्रीय खुफिया एजेंसी व कारगिल पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए कारगिल से चार आतंकियों को गिरफ्तार किया । पुलिस का दावा है कि सभी राजधानी में आतंकी हमले की साजिश रचने में शामिल रहे हैं । इन्हें ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया ।
गिरफ्तार किए गए नज़ीर हुसैन, जुल्फिकार अली वजीर, अयाज हुसैन व मुजम्मिल हुसैन है। पूछताछ में पता चला है कि सभी थांग गांव, जिला कारगिल, लद्दाख के रहने वाले हैं। सभी छात्र हैं और इनमें कुछ दिल्ली विश्वविद्यालय से भी पढाई की है। लेकिन इनका अब पढ़ाई लिखाई से कोई लेना-देना नहीं था और इनका जिहाद के प्रति ब्रेन पास हो चुका।
इजरायली दूतावास के बाहर ब्लास्ट से पहले चारों दिल्ली विश्वविद्यालय के पास स्थित विजय नगर में रहते थे। ब्लास्ट वाले दिन चारों ने अपने अपने मोबाइल बंद कर दिए थे और दिल्ली छोड़कर लद्दाख चले गए थे। ज्ञात हो कि दिल्ली में 29 जनवरी को इजराइली दूतावास के बाहर हल्की आईईडी विस्फोट हुआ था। इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था। लेकिन कई वाहनों का इस विस्फोट की वजह से नुकसान पहुंचा।
इस घटना के बाद से सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। इसी बीच सूचना मिली कि विस्फोटक रखने के मामले में संदिग्ध लद्दाख में छुपे हो सकते हैं। इस तरह की सूचना के आधार पर सीआइए, स्थानीय पुलिस और स्पेशल सेल की टीम ने छापामारी की और चारों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को शक है कि जिन लोगों ने ब्लास्ट किया था, यह लोग उनके संपर्क में थे।
फिलहाल स्पेशल सेल की तरफ से यह जानकारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी को दी गई है, जो आगे पूरे मामले को लेकर इनसे पूछताछ करेगी। गौरतलब है कि हाल ही में एनआईए ने ब्लास्ट करने वाले दो संदिग्धों की तस्वीर जारी कर उनकी जानकारी देने वालों को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। इजरायली दूतावास के बाहर फुटपाट पर बम धमाके की घटना ने दिल्ली पुलिस समेत सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी थी।
घटना से चंद मिनट पहले दूतावास के पास बने फुटपाथ की झांड़ियों में गुलाबी रंग के दुपटटे में लपेटकर बम रखा था। घटना के अगले दिन जैश उल हिंद नाम के संगठन ने इंटरनेट मीडिया के जरिए धमाके की जिम्मेदारी ली थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो केस दर्ज किया था।
एक धमाका करने व दूसरा धमाके की साजिश रचे जाने को लेकर। कई दिनों तक स्पेशल सेल को कोई सुराग नहीं मिलने पर मुख्य मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को ट्रांसफर कर दिया गया था। घटना की साजिश रचे जाने की जांच स्पेशल सेल कर रही है। बताया जाता है कि उसी मामले में फिलहाल चारों को गिरफ्तार किया गया ।