अर्चना कुमारी। यदि आप प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत कम ब्याज पर लोन लेना चाहते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि दिल्ली पुलिस ने इसी योजना का लाभ देने का वादा करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश करते हुए 2 शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है । दिल्ली पुलिस का दावा है कि यह गैंग देशभर के भोले-भाले लोगों से ठगी करता था ।
पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान वसुंधरा, गाजियाबाद निवासी इंद्रजीत पांडेय (27) और मंडोली, दिल्ली निवासी अमित कुमार (23) के रूप में हुई है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि आरोपी सरकारी योजना के तहत कम ब्याज पर लोन दिलवाने की बात कर ठगी करते थे। पूछताछ में पता चला है कि इन लोगों ने ज्यादातर दक्षिण और पूर्वी भारत के लोगों को निशाना बनाया।
दोनों अब तक सैकड़ों लोगों से लाखों की ठगी कर चुकी है। पुलिस आरोपियों के पास से पुलिस ने सात मोबाइल, लैपटॉप, पैनड्राइव, डायरी और एटीएम कार्ड बरामद किए । पुलिस का कहना है कि कि उनको ठगी की एक शिकायत मिली थी। पुलिस को पता चला कि आराेपियों ने कई लोगों को प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत चूना लगाया था।
छानबीन और गहन जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने ‘mudrafinseve.in’ नामक वेबसाइट से लोगों को चूना लगाया था। इस तरह की जानकारी के बाद पीड़ितों को इस वेबसाइट को सर्च करने के दौरान एक पॉपअप और आरोपियों का मोबाइल नंबर मिला था। इस जानकारी के आधार पर टेक्नीकल सर्विलांस के आधार पर जांच करते हुए टीम को पता चला कि आरोपी वसुंधरा, गाजियाबाद के सेक्टर-9 में फर्जी कॉल सेंटर से लोगों को चूना लगा रहे और इसके बाद पुलिस टीम ने वसुंधरा में छापेमारी कर आरोपियों को दबोच लिया।
पूछताछ के दौरान आरोपी इंद्रजीत ने बताया कि उसने यूपी से बीएससी की हुई है। उसने खुलासा किया है कि कई कॉल सेंटर में काम करने के बाद उसने अपना खुद का कॉल सेंटर खोलकर ठगी करना शुरू कर दिया। बेहद शातिर प्रवृत्ति का अमित ने बीए प्रथम वर्ष से पढ़ाई छोड़ दी थी। छानबीन के दौरान पता चला है कि 2016 में उसकी मुलाकात लक्ष्मी नगर के एक कॉल सेंटर इंद्रजीत से हुई।
दोनों ने मिलकर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के नाम पर ठगी शुरू कर दी। पुलिस का कहना है कि आरोपी वेबसाइट के जरिये जानकारी लेकर लोगों से कम ब्याज पर लोन देने का झांसा देते थे। फॉर्म भरने समेत अलग-अलग शुल्क के नाम पर रकम एंठकर आरोपी अपने मोबाइल नंबर बंद कर दिया करते थे। पुलिस दोनों के रैकेट में कौन-कौन लोग शामिल है इसके बारे में पता कर रही है ताकि उनकी भी गिरफ्तारी की जा सके।