अर्चना कुमारी। साइबर क्राइम करने वाले किसी के साथ भी धोखाधड़ी कर देते हैं और ऐसे लोगों को पकड़ना पुलिस के लिए भी बड़ी मुश्किल होती है। इस बार सांसद साक्षी महाराज को निशाना बनाया गया और उनके खाते से करीब एक लाख रुपये उड़ा लिए गए लेकिन मामले की जानकारी पुलिस को मिलते ही 2 आरोपियों को धर दबोचा गया है । आरोपियों ने फर्जी चेक का इस्तेमाल कर लगभग 97,500 रुपये निकाले थे।
आरोपियों की पहचान निहाल सिंह और दिनेश राय के रूप में हुई है। दोनों मूल तौर पर बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस ने बताया उत्तर प्रदेश से लोकसभा सदस्य और भाजपा नेता साक्षी महाराज ने संसद मार्ग पुलिस में शिकायत की थी, कि किसी ने दो फर्जी चेक के जरिए उनके बैंक खाते से 97,500 निकाल लिए हैं।
पुलिस के लिए हैरानी की बात यह थी कि जिन चेक का इस्तेमाल रकम निकालने के लिए किया गया। वह सांसद के पास मौजूद थे । इस बाबत मामला दर्ज पुलिस टीम ने जांच की और दोनों आरोपियों को पकड़ लिया । मामला हाईप्रोफाइल था तो पुलिस तुरंत हरकत में आई। लेकिन आम जनों के केस में आरोपी जल्दी नहीं पकड़े जाते ।
इस केस में पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह एक हजार से ज्यादा लोगों के बैंक खाते से करोड़ों रुपये निकाल चुके हैं। पुलिस ने एसबीआई बैंक ने डिटेल निकाली तो पता लगा कि आरोपियों ने सांसद के बैंक खाते से तीन फर्जी चेक लगाए थे। उनके बैंक खाते से एक बैंक खाते में गए और फिर यूपीआई से तीन बैंक खाते में पैसे डाले गए । इसके बाद एटीएम से पैसे निकाल लिए गए। बीएससी डिग्री होल्डर निहाल को दिनेश राय फर्जी चेक देता था।
वह इन चेक को विभिन्न बैंकों में जमाकर पैसे ट्रांसफर करता था। इस काम के लिए उसे ठगी की रकम में से 30 फीसदी कमीशन मिलता था। दिनेश राय ने बताया है कि वह फर्जी चेक छपवाता था और फिर बैंकों में जमा करवाता था। आरोपी बैंकों में 50 हजार से कम का ही चेक लगाते थे। 50 हजार व उससे ज्यादा का चेक लगाने पर बैंक संबंधित ग्राहक को सूचना देती है, जबकि 50 से कम का चेक लगाने पर बैंक संबंधित ग्राहक को सूचना नहीं देती है।
सांसद के बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए इन्होंने तीन चेक लगाए थे। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी फर्जी चेक खुद छापते थे या फिर किसी से छपवाते थे। आरोपी पूरे देश में ठगी करते थे। जांच में बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। क्योंकि जिस व्यक्ति के खाते में यह फर्जी चेक लगाते थे उनके खाते का पूरा डिटेल इनके पास मौजूद होता था। ये पीड़ित का चेक नंबर, खाता नंबर व हस्ताक्षर बैंक कर्मचारियों से ही लेते थे। ऐसे में पुलिस आरोपी बैंक कर्मचारियों की तलाश कर रही है।