अर्चना कुमारी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा से देश भर में करोना की मार झेल रहे जरूरतमंद लोगों के साथ ठगी की जा रही है। ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले गैंग का दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश तो किया लेकिन बिहार पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि धोखाधड़ी रैकेट में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। लेकिन मुख्य आरोपी छोटू चौधरी अभी तक फरार है। बिहार के नालंदा से चलाए जा रहे इस गैंग ने अभी तक 100 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की है जबकि गैंग के लोग ऑक्सीजन सिलेंडर देने के नाम पर देशभर में सोशल मीडिया के जरिए ठगी करते थे।
दबोचे गए आरोपियों की पहचान दीपक (21), पंकज (26), श्रवण (35) और मिथलेश (36) के तौर पर हुई। दिल्ली पुलिस का दावा है कि आरोपी पालनी गांव नालंदा जिला के रहने वाले हैं। इनके पास से 21 मोबाइल फोन, 22 सिम कार्ड, 23 एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप व अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
साथ ही उन बैंक अकाउंट को सीज किया है, जिसमें 1.30 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ था। दिल्ली पुलिस का कहना है कि कोरोना संक्रमण के पीक के दौरान अप्रैल मई महीने में ऑक्सीजन एवं दवा की मांग काफी बढ़ गई थी।
इसका फायदा इस गिरोह के लोगों ने उठाया । जिस शिकायत पर इस रैकेट का पर्दाफाश किया किया उसमें पीड़ित का रिश्तेदार डीडीयू अस्पताल दिल्ली में भर्ती था। उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत थी। पीड़ित को सोशल मीडिया पर एक नंबर मिला, जिस पर संपर्क किया गया। फोन उठाने वाले ने खुद को सचिन बताया और दो सिलेंडर के एवज में 23950 रुपए ठग लिए ।
पीड़ित ने पेटीएम और बैंक अकाउंट के जरिए रुपए ट्रांसफर कर दिए और इन्हीं खातों के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंच पाई। जांच के दौरान पाया रुपए मुंबई के यूसीओ बैंक में धोखाधड़ी के रकम ट्रांसफर हुए थे। बैंक अकाउंट रुकसाना खातून के नाम पर मिला। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पुलिस ने आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई, जिनका कनेक्शन नालंदा बिहार से मिला।
इस केस में संदिग्ध मिथलेश को नालंदा बिहार से पकड़ लिया गया। इसकी निशानादेही पर पुलिस ने रैकेट में शामिल अन्य तीन आरोपियों को भी दबोच लिया गया। पुलिस को अब इस गैंग के सरगना छोटू चौधरी की तलाश है। पुलिस को पता चला हैै कि छोटू चौधरी गैंग नालंदा बिहार से दो तीन साल से ऑपरेट हो रहा था।
ठगी की काली कमाई से गैंग का सरगना काफी प्रॉपर्टी अर्जित कर चुका है। उसने दो तीन सौ लोगों को ठगी के धंधे में शामिल कर रखा था। ऑनलाइन सामान दिलाने के लिए फोन पर पहले यह गिरोह फ्रैंडशीप व फिल्पकार्ट आदि के नाम पर लोगों से ठगी करते थे, लेकिन कोरोना काल में ऑक्सीजन की अचानक से बढ़ी मांग को देख उन्होंने ठगी का तौर तरीका बदल दिया।