विनय झा। समलैंगिकों का स्थान लिबरल,वामी,डेमोक्रैट,काँग्रेस,आदि में होता है। कन्जरवेटिव पार्टी ने दिखा दिया कि अभी भी वह कन्जरवेटिव ही है। बोरिस जॉनपुत्र ने जाते समय कहा कि कुर्सी छोड़ने पर बहुत दुःख हो रहा है। आंग्लदेश का कोढ़ हटा। समलैंगिक सेक्स मैनियैक को शासकदल का उपप्रमुख बना दिया था।
ईसाईयों के संस्कार भी फ्रीमैसन नष्ट कर रहे हैं। केवल यहूदी बचे रहें और डॉलर कमाते रहें,जैसा कि बादशाह सुलेमान की आसमानी किताब में लिखा है (सु−रोमन > सोलोमन) । अमरीका का ड्रग लार्ड अभी नहीं हटेगा । उक्राइन युद्ध द्वारा शस्त्र उद्योग को बढ़ावा देकर डॉलर को तगड़ा बना रहा है जिस कारण रूपया भी गिरता जा रहा है । रूपया गिरता जा रहा है क्योंकि वेनजुएला से विशाल स्तर पर पेट्रोलियम मँगाने का साहस भारत के अमरीकाभक्त सत्ताधीश पूँजीपतियों एवं नेताओं में नहीं है,थोरियम उर्जा की तकनीक विकसित हो जाने पर भी उसे प्रयोग में लाने का साहस नहीं है,एवं वस्तु−विनिमय बढ़ाने का साहस नहीं है।
आठ वर्षों में रूपया लगभग २५% गिर चुका है। इसका अर्थ यह हुआ कि आठ वर्षों के कुल विदेश व्यापार का लगभग आठवाँ भाग हमसे इस कारण लूटा जा चुका है — औसतन लगभग १०० अरब डॉलर वा ८ लाख करोड़ रूपये प्रतिवर्ष। अमरीका के स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर फ्रीमैसनों का गोपनीय सम्मेलन हुआ जिसमें सबसे प्रमुख विषय था हिन्दुत्व का नाश । यहाँ के सबसे बड़े माननीय ने भारत की कार्यपालिका अर्थात् सरकार,संसद एवं जनता को मूर्ख एवं न्यायपालिका की विरोधी कहा। उसी सम्मेलन से वैचारिक टॉनिक लेकर लीना मणि−मैकॉले ने हिन्दुत्व को ब्राह्मणवादी कहकर हिन्दु देवताओं का अपमान किया।
जब से ईस्ट इण्डिया कम्पनी की शक्ति बढ़ी तब से मिशनरी एवं फ्रीमैसन यही करते और कहते थे। आज भी माओवादियों की प्रतिबन्धित पुस्तकों में हिन्दुत्व को ब्राह्मणवाद कहा जाता है। माओवाद और मार्क्सवाद को सुनियोजित तरीके से वर्ग−संघर्ष से हटाकर हिन्दुत्व−विरोध में फ्रीमैसनों ने लगा दिया है। जातिवाद को ही ये लोग ब्राह्मणवाद कहते हैं,इसी को मनुवाद भी कहते हैं किन्तु लोगों को यह नही बताते कि मनु महाराज ब्राह्मण नहीं थे। यहूदी−भक्त संङ्घ परिवार इसी विचारधारा को “जातिवाद की समाप्ति” का नाम देकर एक नये प्रकार का नास्तिक हिन्तुत्व खड़ा करने में जुटा है जिसका प्रमुख देवता है भारत−माता।
बिचारों को पता ही नहीं है कि भारत पुल्लिङ्ग है, १८७२ ई⋅ के एक बंगाली नाटक में सर्वप्रथम “भारत−माता” शब्द गढ़ा गया। शीघ्र ही फ्रीमैसनों ने बंगाल से भारत−माता को निष्कासित करके बंगमाता को स्थापित किया। १९४६ ई⋅ तक समूचा बंगाल मुसलमानों के शासन में था,जिन्ना ने तब पाकिस्तान की माँग में समूचा पंजाब और समूचा बंगाल माँगा था। समूचा पंजाब का अर्थ था वर्तमान हरियाणा एवं हिमाचल भी। पश्चिमी पंजाब में जिन्ना के “डायरेक्ट एक्शन” का पूर्वी पंजाब, हिमाचल−हरियाणा में ऐसा डारेक्ट रिएक्शन हुआ कि जिन्ना को माँग बदलनी पड़ी।