हिंदू ! आत्महत्या मत करना , सम्मान का जीवन जीना है ;
सारे दुख – दर्द मिटाना है , अच्छी – सरकार बनाना है ।
सौ में नब्बे नेता – अफसर , महाभ्रष्ट हैं चरित्रहीन ;
नाली के गंदे – कीड़े हैं , मानवता से बिल्कुल हीन ।
कदम – कदम पर लूटमार है , बात-बात पर रिश्वतखोरी ;
कानून का शासन कहीं नहीं है , चलती रहती हरामखोरी ।
शासन और प्रशासन चक्की , हिंदू जनता को पीस रही है ;
हिंदू-नेता हैं अब्बासी-हिंदू , केवल खींसे निपुर रही हैं ।
अब्राहमिक से गलबहियाँ हैं , हिंदू की गर्दन कटा रहे ;
हिंदू-मंदिर को तोड़-तोड़ कर , गलियारे को बना रहे ।
अब्राहमिक देशों के नेता , इसको हाथों-हाथ ही लेते ;
वे सब हिंदू-धर्म के दुश्मन , इसी से इसको ईनाम देते ।
दुनिया भर के पुरस्कार हैं , सब के सब मिल जायेंगे ;
सबसे गंदा पुरस्कार जो , नोबेल प्राइज भी पा जायेंगे ।
केवल अपने लिए जो जीता , ऐसे नेता से राम बचाये ;
बहुत लुट चुका देश हमारा,अब तो अच्छी सरकार ही आये।
अच्छी सरकार भी आ सकती है,बस हिंदू को जागना होगा;
अज्ञान का पर्दा हटाना होगा,अब्बासी-हिंदू को जानना होगा
अब्बासी-हिंदू है धर्म का दुश्मन , मानवता का दुश्मन है ;
हुआ मानसिक-खतना इसका , पूरा गंदा तन-मन-धन है ।
महामूर्ख जितने भी हिंदू , इसको अब तक समझ न पाये ;
झूठे-इतिहास को पढ़ते-पढ़ते , मरने की नौबत में आये ।
धन्य-धन्य है सोशल-मीडिया , “संदीप देव” का चैनल है ;
अज्ञान का पर्दा हटा रहा है , मिलने लगा अच्छा फल है ।
अब जब हिंदू जाग रहा है , दुश्मन का तम्बू उखड़ रहा है ;
तथाकथित हिंदू-वादी दल , जगह-जगह अब हार रहा है ।
सौभाग्यका सूरज निकल रहाहै,अंधियारा सब सिमट रहा है
एकम् सनातन भारत आने से,दुश्मन का दम निकल रहा है।
एकमात्र हिंदूवादी दल , धर्म – सनातन का रक्षक है ;
कानून का शासन लाने वाला , भ्रष्टाचार का भक्षक है ।
तजो निराशा हिंदू ! अपनी , अपने सौभाग्य को अपनाओ ;
“एकम् सनातन भारत” देगा,हिंदू ! अच्छी सरकार बनाओ ।
हिंदू कितना बदनसीब था,अबतक अच्छीसरकार को तरसा
एकम् सनातन भारत आनेसे,सुखसौभाग्य का सावन बरसा