महात्मा गांधी और खादी का संबंध क्या रहा है यह बात किसी से छिपी नहीं है। अगर गांधी जिंदा होते और उनके सामने यह नारा लगाया जाता कि गांधी किसके? तो वे खुद इसे पूरा करते हुए बोल उठते जो ज्यादा खादी बेचे उसके। इस हिसाब से देखें तो गांधी आज मोदी कैंप में बैठे दिखेंगे। क्योंकि खादी को बढ़ावा देने से लेकर खादी की बिक्री में बढ़ोतरी करने में मोदी सरकार ने नया कीर्तिमान बनाया है!
मुख्य बिंदु
* कांग्रेस की सरकार ने 10 साल में जहां 914 करोड़ की खादी बेची वहीं मोदी सरकार ने तीन साल में ही 1,828 करोड़ की खादी बेची
* पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने 10 सालों में 110 खादी संस्थान खोले वहीं मोदी सरकार अब तक 375 खादी संस्थान खोल चुकी है
1) Total average Khadi sale in 2004-2014 was Rs 914.07 Cr.
Now, Sale jumped to Rs 1,828.3 Cr in 3 years 2015-2018.
2) Number of Khadi institutions established in 10 years (2004-2014) was 110.
Now, 375 Khadi institutions established after 2015
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— Anshul Saxena (@AskAnshul) October 26, 2018
मोदी सरकार ने खादी को ऊंचाइयों तक ले जाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। अभी तक के आंकडे बताते हैं। जिस कांग्रेस ने गांधी के नाम पर देश में सालों तक राज किया उसी कांग्रेस ने गांधी की खादी का बेड़ा गर्क कर दिया। सोनिया गांधी की नियंत्रित मनमोहन सिंह सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान जहां खादी की बिक्री महज 914.07 करोड़ रुपये की हुई, वहीं मोदी सरकार ने महज तीन सालों यानि 2014-17 के बीच में खादी की बिक्री 1,828.3 करोड़ रुपये कर दी।
इससे भी साफ है कि महात्मा गांधी के दिखाए राह पर देश को कोई आगे ले जाने का काम कर रहा है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं। क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने न सिर्फ गांधी के सिद्धांत को भुला दिया है वहीं गांधी के रास्ते पर चलने की चाल भी भुला चुकी है।
URL: From promoting khadi to khadi sales, Modi Government made a new record
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