श्वेता पुरोहित
वर्तमान समय में शनि के वक्री होने के कारण पहले हुयी घटनाओं की पुनरावृत्ति होगी। लोग अपने कार्यों में U-turn लेकर कार्यों को पहले जैसी स्थिति में लाने के लिए पल्टी मरेंगे।
6 सितंबर 2024 से 28 अक्टूबर तक मंगल आर्द्रा, पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र समूह पर गोचर करेगा।
इसका असर नॉर्थ ईस्ट भारत (उत्तर-पूर्व भारत), दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र पर पड़ेगा। इसके साथ ही, शनि और राहु की स्थिति के कारण प्रभावित होने वाले क्षेत्र रूस, यूरोप, उत्तर भारत के राज्य (लेह, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब) होंगे।
इससे अंगारक योग बन रहा है जो भूकंप, भूस्खलन, सुनामी, दुर्घटना, चक्रवात, तूफ़ान या खनन (माइनिंग) आपदा जैसी स्थितियों का कारण बन सकता है।
❗️खासकर 30 सितंबर 2024 को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
यह 17-18 सितंबर 2024 को चंद्र ग्रहण और 2 अक्टूबर 2024 को वलयाकार सूर्य ग्रहण के ठीक बीच में पड़ रहा है।
यह स्थिति चीन, ताइवान, कोरिया और जापान के बीच युद्ध की स्थिति को भी बढ़ा सकता है।
इस समय प्रभावित क्षेत्र होंगे – चीन, ताइवान, जापान, कोरिया, इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, सिंगापुर, पापुआ न्यू गिनी और उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया।
इस अवधि के बाद, मंगल 20 अक्टूबर 2024 को कर्क राशि में प्रवेश करेंगे और राहु की दृष्टि पर होंगे. इससे चिंताजनक स्थिति बन रही है।
❗️खासतौर पर 15 से 19 नवंबर 2024 के बीच मंगल और राहु की परस्पर दृष्टि मंगल और बुद्ध को कमजोर कर रही है। इससे एक बार फिर अंगारक योग बन रहा है। इस समय जल प्रकोप और बढ़ेगा।
मंगल ग्रह युद्ध या संघर्ष का ग्रह है और आग, विस्फोट और सशस्त्र संघर्ष जैसे विभिन्न रूपों में हिंसा का प्रतिनिधित्व करता है।
राहु अपराध, युद्ध, हिंसा और आपदाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह आक्रामकता का ग्रह है और विद्रोह, हवाई नेविगेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और रेडियो, दंगों, राजनीतिक साजिशों, जासूसों, कारावास, गुलामी और दम घुटने से मौत का प्रतीक है। राहु एक धर्म-विरोधी और असामाजिक तत्व को दर्शाता है जो धोखेबाजी, झूठ, ईर्ष्या में विश्वास करता है। राहू – डकैती, हड़ताल, भीड़, विदेशी, विदेशी देशों में आप्रवासन, प्लेग, महामारी, कैंसर, त्वचा रोग और एक्जिमा जैसी बीमारियों का फैलना भी जहरीले सांपों, अचानक दुर्घटनाओं, जहर और जहरीली गैसों को भी दर्शाता है।
इस समय जल संबंधी समस्याएं संभव हैं। भूकंप, आँधी, तूफान, दुर्घटनाएँ, हत्याएँ, अपहरण, बलात्कार और उग्रवाद, डकैती और चोरी संभव है। छद्म युद्ध और आतंकवाद भी संभव है।
इस समय युद्ध बढ़ सकते हैं, विशेषकर नौसेना और वायुसेना इसमें शामिल हो सकते हैं। पुलिस, इंजीनियर व्यस्त हो सकते हैं। इस अवधि में व्यवसाय और विद्यार्थियों को नुकसान हो सकता है।
मीडिया और दूरसंचार प्रभावित हो सकते हैं, साइबर हमले संभव हैं, परिवहन वाहन और ट्रेन दुर्घटना हो सकती हैं, व्यापार और वाणिज्य और साहित्य जगत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
इस समय गुरु और शनि के वक्री होने के कारण पहले हुयी घटनाओं की पुनरावृत्ति होगी। किसी संधि या कानून को वापस किया जा सकता है।
इस दौरान कई लोग एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं से पीड़ित हो सकते हैं। तंत्रिका (nerves) संबंधी कमजोरी, कान, गर्दन, कंधे, माथा, भौहें, दांतों, खून और अस्थि मज्जा की समस्या भी होने की संभावना है। नशीली दवाओं के सेवन से होने वाले रोग, भोजन विषाक्तता, अंगों की सूजन, जहरीले दंश, प्रेत बाधा, मिर्गी, संक्रामक रोग से समस्या की भी संभावना बन रही है।
पुरुषों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
अमेरिका, यूरोप, रूस और दक्षिण पूर्व एशिया इससे प्रभावित हो रहे हैं।
🔱🌿🌼 कुछ उपाय हैं श्री हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या श्री राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। माँ दुर्गा की पूजा, दुर्गा सप्तशती का पाठ, सौंदर्यलहरी का पाठ या श्री सिद्ध कुंजीका का पाठ भी लाभप्रद रहेगा। यदि आपको अपने कुलदेव का ज्ञान हो तो कुलदेव के पूजा अनुष्ठान आपका कल्याण करेंगे।
कृपया ध्यान दें:
सितंबर और अक्टूबर में पडने वाले ग्रहणों पर एक अलग लेख आएगा।
कृपया व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण के लिए अनुरोध न करें 🙏
धन्यवाद 🙏
नमश्चण्डिकायै नमः 🌷🙏