लड़कर अधिकार छीनना है , या खामोशी से मरना है ;
धार्मिक शिक्षा के अधिकार को छीनो,धर्मसनातन पढ़ना है।
हर – मंदिर को मुक्त कराओ , हमें धर्म से जीना है ;
हिंदू – मंदिर को लूटने वाली , हर सरकार को जाना है ।
हिंदू की पहचान गाय है , इसकी हत्या बंद कराओ ;
गौ – हत्या का सौदा करतीं , ऐसी हर सरकार हटाओ ।
अपने वोट की कीमत जानो , हिंदूवादी सरकार बनाओ ;
कोई नहीं हिंदू-दल अब तो , एक नया दल लेकर आओ ।
जम्मू में “इकजुट-जम्मू” है , “इकजुट-भारत” इसे बनाओ ;
हर – हिंदू इसमें लग जाओ , इसकी ही सरकार बनाओ ।
“इकजुट-जम्मू” ठीक से जानो,सोशल मीडिया से पहचानो ;
अध्यक्ष हैं इसके अंकुर शर्मा, उनको अच्छी तरह से जानो ।
विधि – वेत्ता हैं , राष्ट्र – भक्त हैं , जम्मू के रखवाले हैं ;
“रोशनी-एक्ट” को खत्म कराया , आतंक मिटाने वाले हैं ।
भारत का उन्नत भाल है जम्मू , हर हाल में रक्षा करनी है ;
अंकुर शर्मा का साथी बनकर , धर्म की रक्षा करनी है ।
अबतक हिंदू विकल्पहीन था,इसीसे अबतक लुटता आया ;
इकजुटजम्मू का विकल्प सामने, हर हिंदू इसके संग आया।
हिंदू का दायित्व यही है , पूरे देश में लेकर आओ ;
गली-गली में शहर-शहर में ,” इकजुट-जम्मू” को फैलाओ ।
मां – गंगा का नाम गंगोत्री , ये प्रारंभिक नाम है ;
इसी तरह से “इकजुट-जम्मू”, “इकजुट-भारत” का नाम है ।
हिंदू तजो निराशा अपनी , विजय का निश्चय दिखलाओ ;
गंगोत्री है “इकजुट-जम्मू” , “इकजुट-भारत” बनवाओ ।
“इकजुट-भारत” कल्पवृक्ष है , हर आकांक्षा पूरी होगी ;
भारत की हिन्दू-राष्ट्र की आशा , हर हालत में पूरी होगी ।
सारे – हिंदू जागरूक हों , उनका पुनीत – कर्तव्य है ;
अब भारत में धर्म की सत्ता , हिंदू का प्राप्तव्य है ।
गंदी-राजनीति को त्यागो, अब राष्ट्र-नीति को लेकर आओ ;
विकल्पहीन अब नहीं है हिन्दू, “इकजुट-भारत” ले आओ ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”