कश्मीर में हुए हिंदुओं के संहार पर हिंदुओं को ही दोष देने वाले, अफगानिस्तान में तालिबान के शासन को इस्लाम की समस्या न मानने वाले और हर हिंदूवादी पर #fakenews के जरिए निजी हमला करने वाले को मैंने ‘गटर का पिस्सू’ (GP) नाम दिया था।
कल करीब एक दशक पहले के आधीआबादी वेब के कंटेंट को शेयर किए मेरे ट्वीट को मेरे और मेरे परिवार पर आरोपित कर अपने चमचों से हमला करा कर तथाकथित डाटा साइंटिस्ट गौरव प्रधान (GP) ने यह साबित कर दिया कि ‘गटर का पिस्सू’ उपमा उसके चरित्र पर ठीक बैठता है।
गौरव प्रधान का खुद का चरित्र यह है कि उस पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा चल रहा है, जिसका FIR (FIR no-0982) नीचे संलग्न है। भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने उस पर गाजियाबाद के विजय नगर थाने में 2017 में IPC की धारा 354(घ)(stalking), 504(Intentional insult), 506(Criminal intimidation) और 66A(sending offensive message) के तहत मामला दर्ज करवाया था।
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गौरव प्रधान अभी भी यौन उत्पीड़न का अभियुक्त है, वह बरी नहीं हुआ है।
इस ‘गटर के पिस्सू’ ने अपने एक महिला साथी को कैरियर बनाने का प्रलोभन देकर उसने उसका नाजायज फायदा उठाना चाहा। चूंकि दोनों एक समय भाजपा के IT cell के लिए आउटसोर्सिंग (इसके लिए कल सबूत पेश करूंगा) के तहत काम कर रहे थे, इसलिए दबाव में ‘गौरव प्रधान’ की गिरफ्तारी टल गई। उसे स्टे मिल गया।
यौन उत्पीड़न का यह आरोपी ‘गटर का पिस्सू’ हर राष्ट्रवादी के चरित्र हनन का प्रयास करता है ताकि ‘हमाम में सब नंगे हैं’ के तहत अपने अपराध को जस्टिफाई करता रहे।
कल जब उसे पता चला कि मैं उसके खिलाफ दर्ज FIR सामने लाने वाला हूं तो एक बार फिर से उसने अपने टेलीग्राम में उस लड़की के चरित्र हनन का खेल खेला (screen shot संलग्न) ताकि अपने मंदबुद्धी भेड़ समर्थकों को संतुष्ट कर सके।
इस FIR के दूसरे पन्ने को गौर से देखने पर इसके दोहरे चरित्र का एक और सबूत आपको मिलेगा। इसके पिता का उपनाम ‘सक्सेना’ है, और यह ‘प्रधान’ बना हुआ है। जैसे कभी संजय गांधी को संजीव गांधी बनाकर उसके आपराधिक चरित्र को ढंकने का प्रयास किया गया था, वैसा कुछ मामला यहां भी संदिग्ध है। इसके आपराधिक चरित्र की दूसरी कड़ी कल…