सोशल मीडिया के राष्ट्रवादी लोगों का चरित्र हनन कर अपने ‘गटर पिस्सू फौज'(GP) की नजर में तथाकथित डाटा साइंटिस्ट बने गौरव प्रधान के खिलाफ न केवल एफआईआर है, बल्कि वह चार्जशीटेड भी है। उसके खिलाफ बकायदा अदालत में पुलिस ने चार्जशीट फाइल कर रखी है, जिसका सबूत नीचे अदालत के रिकॉर्ड के स्क्रीन शॉट में मौजूद है। यही नहीं, उसकी ‘गटर पिस्सू फौज’ नीचे के स्क्रीन शॉट में यह भी देख सकती है कि उसका आका अदालत की हर सुनवाई में कैसे अदालत में हाजिरी लगा रहा है।
उसके केस की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को है! लेकिन अंधे ‘गटरपिस्सुओं’ ने उसे निर्दोष घोषित करने का अभियान चला रखा है, जो साबित करता है कि इस कथित डाटा साइंटिस्ट ने अपने फॉलेअर का किस हद तक ब्रेनवॉश कर रखा है। उसने अदालत का एक लिंक अपने चमचों को दिया, और बिना खोले चमचे उसे धड़ाधड़ शेयर करते चले गये। गदहों लिंक खोल तो लेते, वह पेज ब्लॉक दिखा देता, लेकिन ब्रेनवॉश लोगों के पास इतनी अक्ल बची कहां रहती है़?
जब कल मैंने गौरव प्रधान के खिलाफ एक महिला द्वारा यौन उत्पीड़न मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी सार्वजनिक की, तो सीरियल लायर की तरह उसने पुनः झूठ बोलना और उस झूठ को आधार बनाकर उसकी ‘गटर पिस्सू फौज ने झूठ फैलाना आरंभ कर दिया कि एफआईआर दर्ज होने से कोई दोषी नहीं हो जाता। किसी ने कहा, केस बंद हो चुका है और अदालत का फैसला आ चुका है। तो कोई उस महिला का चरित्र हनन ही करने लगा, बिल्कुल अपने ‘जीपी सर’ की तरह। अरे ‘गटर के पिस्सुओं'(GP) केवल एफआईआर दर्ज नहीं है, वह चार्जशीटेड है। और जब तक केस में वह अदालत द्वारा निर्दोष साबित नहीं होता, चार्जशीटेड अभियुक्त ही कहलाएगा।
गौरव प्रधान से संबंधित अन्य खबरें
पंचमक्कारों की तरह हर किसी के चरित्र हनन का प्रयास करने वाले इस ‘सीरियल लॉयर’ ने एक और प्रयास किया। जिस महिला ने इस पर केस किया है, उसके चरित्र पर हमला करते हुए उसने सहारनपुर में उस पर दर्ज एक एफआईआर का जिक्र कर दिया और कुछ लिंक शेयर किया। पहली बात, क्या उस महिला पर किसी अन्य मामले में कोई एफआईआर दर्ज होने से उस कथित डाटा सइंटिस्ट पर दर्ज केस हट जाता है? क्या अदालत ने उसे इस आधार पर निर्दोष साबित कर दिया है? पर ब्रेनवॉश चमचों के पास इतना सोचने के लिए दिमाग कहां है?
दूसरी बात, मैं उस महिला का कोई प्रवक्ता नहीं हूं। लेकिन चमचे देख तो लेते कि उस पर दर्ज मामला क्या है? उस महिला द्वारा एक व्यक्ति की मौत पर किए गये गलत टवीट करने को लेकर एफआईआर दर्ज है! इस कथित डाटा साइंटिस्ट ने तो न जाने कितने फर्जी टवीट किए हैं, और सार्वाजनिक तौर पर उसके लिए माफी भी मांगी है, जिसका खुलासा भी मैं इस श्रृंखला में करने वाला हूं। देख लेना कि तुम्हारे उस कथित डाटा सांइंटिस्ट ने फर्जी डाटा शेयर करने के बाद केस की धमकी मिलने पर ने कितना गिड़गिड़ा कर माफी मांगी है लोगों से!
तीसरी बात, इसने भाजपा के आईटी सेल के एक पूर्व पदाधिकारी के पुराने टवीट का स्क्रीन शॉट देकर यह प्रदर्शित करना चाहा कि उस पर आरोप लगाने वाली वह महिला भाजपा से जुड़ी नहीं है। लेकिन उस महिला पर दर्ज एफआईआर के संबंध में इंडिया टीवी का जो लिंक इसने शेयर किया, उसमें साफ साफ उस महिला के लिए भाजपा नेता लिखा है।
‘गटर के पिस्सुओं’ एक बात सामूहिक रूप से तय कर लो कि क्या फैलाना है, फिर सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़ा करने के लिए उतरो! स्वयं में ही नंगे हो रहे हो और अपने ‘जीपी सर’ (ब्रेनवॉश पिस्सुओं की फौज उसे इसी नाम से पुकारते हैं।) को भी सार्वजनिक रूप से नंगा कर रहे हो? अपने ही एक स्क्रीन शॉट को दूसरे स्क्रीन शॉट से काटने वाला न जाने किस प्रकार का डाटा साइंटिस्ट है?
लेकिन ‘ब्रेनवॉस्ड गटर पिस्सु फौज’ को इससे क्या? उन्हें तो उनके जीपी सर ने टेलीग्राम में कह दिया है कि यदि संदीप देव के खिलाफ तुम लोग फेसबुक, टवीटर, कू, यूटयूब आदि पर उसके दिए फर्जीवाड़े को शेयर नहीं करोगे तो वह अपना टेलीग्राम अर्काइव में डालकर पुनः अमेरिका चला जाएगा! और इस इमोशनल अत्याचार के कारण ‘ब्रेनवॉश पिस्सु फौज’ फर्जीवाड़ा फैलाते जा रहे हैं। चमचों याद रखना, जब तुम्हारे ‘जीपी सर’ पर एफआईआर दर्ज होगा तो तुम ‘ब्रेनवॉश पिस्सु फौज’ का स्क्रीन शॉट भी वहां पहुंचेगा, और जो खुद चार्जशीटेड है, अदालत में नियमित हाजिरी लगा रहा है, वह तुम्हारी कितनी मदद करेगा, यह सोच लो?