कांग्रेस पार्टी की अकेली की सरकार हो या गठबंधन की, किसानों के कर्ज माफी की असलियत सामने आ गई है। वह चाहे राजस्थान हो, या मध्य प्रदेश या फिर कर्नाटक, हर राज्य में किसान परेशान है। कर्नाटक में कर्ज माफ नहीं होने की वजह से एक किसान ने अपने परिवार के पांच सदस्यों को जहर खिलाने के बा खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। प्रदेश सरकारों के द्वारा अनाप-शनाप तरीके से कर्ज माफी की घोषणा करवाने वाले राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए कि आखिर राजस्थान के किसान अशोक गहलोत सरकार पर कर्जमाफी घोटाला का आरोप क्यों लगा रहे हैं। मालूम हो कि राजस्थान में कर्ज माफी की सूची में उन लोगों का नाम सामने आया है जो कभी खेती के लिए कर्ज लिया ही नहीं था। वहीं कर्नाटक में कर्ज माफ नहीं होने से परेशान एक किसान ने अपने परिवार के पांच सदस्यों के साथ खुदकुशी कर ली है। ऐसे में राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए कि कर्नाटक में किसानों के कर्ज माफ होने के बाद भी वहां के किसान परिवार समेत आत्महत्या करने को क्यों मजबूर हैं? राजस्थान की गहलोत सरकार पर कर्ज माफी के नाम पर घोटाला करने का आरोप क्यों?
गौरतलब है कि राजस्थान में कर्ज माफी के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। गहलोत सरकार ने किसानों के कर्ज माफी की जो सूची जारी की है उसमें ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं जिन्होंने खेती के नाम पर कभी कर्ज लिया ही नहीं था। वहीं उन किसानों के नाम सूची से गायब है जिन्होंने खेती के लिए कर्ज लिया था।
Rajasthan loan waiver under scanner: Curious beneficiary list surfaces, non-existent beneficiaries in the list, Farmers allege 'scam' pic.twitter.com/FZx4D0eIv8
— TIMES NOW (@TimesNow) January 6, 2019
राजस्थान के किसान इस प्रकार की सूची सामने आने के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार पर कर्ज माफी के नाम पर घोटाला करने का आरोप लगाया है। यह सूची राजस्थान के डुंगरपुर जिले में सामने आई है। किसानों का कहना है कि उन्होंने अधिकांश लोन सहकारी बैंकों से ले रखा है, जबकि गहलोत सरकार ने सहकारी बैंकों से लिए कर्ज को माफ ही नहीं किया है। इससे साफ है कि गहलोत सरकार कर्ज माफी के नाम पर पहले से ही घोटाला का आधार तय कर लिया है।
गौरतलब है कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडी(एस) गठबंधन के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पहले ही किसानों के कर्ज माफी की घोषणा कर चुके हैं। कर्नाटक में किसानों की कर्ज माफी की असलियत वहां लगातरा हो रहे किसानों की आत्महत्या से सामने आ चुकी है। कर्ज माफी नहीं होने की वजह से कर्नाटक के कोप्पाल स्थित मेटागल गांव के 42 वर्षीय किसान शेखरय्या बिडानल ने अपनी पत्नी 39 वर्षीया जयम्मा तथा चार बेटियों 23 वर्षीया बसम्मा, 20 वर्षीया गौरम्मा, 18 वर्षीया सावित्री तथा 16 वर्षीया पार्वती को जहर खाने में जहर खिलाने के बाद खुद भी फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
कहा जाता है कि शेखरय्या ने खेती करने के अलावा अपनी दो-दो बेटियों की शादी करने के लिए छह लाख रुपये का कर्ज ले रखा था। उसे उम्मीद थी कि कांग्रेस और जेडी(एस) गठबंधन की सरकार अपने वादे के मुताबिक उसके कर्ज माफ कर देगी। प्रदेश में कर्ज माफी की घोषणा के बाद भी उनके कर्ज माफ नहीं किए गए। इससे परेशान होकर ही उन्होंने अपने परिवार के पांच सदस्यों के साथ खुदकुशी कर ली। एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत ने कर्नाटक में गंठबंधन सरकार की कर्ज माफी की पोल खोल कर रख दी है।
इस प्रकार की लगातार हो रही घटनाओं से साफ है कि राहुल गांधी सिर्फ किसानों के कर्ज माफी की घोषणा कर पोलिटिकल माइलेज गेन करना चाहते हैं। सही मायने में किसी भी राज्य में कर्जदार किसानों के कर्ज माफ नहीं हुए है। कर्ज माफी के नाम पर राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश तथा कर्नाटक में घोटाला हुआ है। जो अब किसानों के आक्रोष बढ़ने से सामने आने लगा है।
URL : Gehlot government’s debt scam broke out, farmer suscide in Karnatak!
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