बहुत हुये लड्डू-गोपाल , अब तो उनको बड़ा करो ;
चक्र-सुदर्शन हाथ में देकर , दुष्टों का संहार करो ।
मरता हुआ देश है भारत , अब इसका उद्धार करो ;
कृष्ण-नीति स्थापित करके , भारत का उद्धार करो ।
कौरव – सेना बढ़ी – चढ़ी है , अंधा-राजा है धृतराष्ट्र ;
अंधा-राजा जब भी होता , संकट में पड़ता है राष्ट्र ।
झूठा-इतिहास व गंदी-शिक्षा , नेता-अफसर हैं मक्कार ;
धर्म – सनातन भूल गये हैं , धर्म के दुश्मन हैं गद्दार ।
खाई की कगार में भारत , गिरने से इसे बचाना है ;
कृष्ण-नीति व विदुर-नीति से , हिंदू-राज्य चलाना है ।
सर्वश्रेष्ठ है हिंदू-शासन , मनुस्मृति से इसे चलाओ ;
पूर्ण-सुशासन पाना है तो , देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
गद्दारों की फौज भरी है , अपने हिंदुस्तान में ;
जिनको हमसे नफरत है , वे जायें पाकिस्तान में ।
नेता – अफसर भ्रष्टाचारवश , धर्म को गाली देते हैं ;
पर चुनाव के मौसम में , मंदिर में नाक रगड़ते हैं ।
रंगे-सियार हैं हिंदू-नेता , हिंदू को पहचान नहीं है ;
धर्म-सनातन जिसने छोड़ा , उसको कोई ज्ञान नहीं है ।
धर्म-सनातन बुद्धि खोले , शत्रु-मित्र का बोध कराये ;
शत्रु-बोध को भूला हिंदू , इसी से गर्दन को कटवाये ।
लड्डू-गोपाल का समय नहीं अब,धर्म-युद्ध हो सकता है ;
युद्ध-क्षेत्रे धर्म-क्षेत्रे , पर “नोटा” से टल सकता है ।
शांतिपूर्ण सत्ता-परिवर्तन , “नोटा” ही ला सकता है ;
रक्तपात बिल्कुल न होगा , धर्म-युद्ध बच सकता है ।
“हिंदू का ब्रह्मास्त्र” है “नोटा”, हिंदू इसको ठीक से जानो ;
केवल इसीसे बच सकते हो,दिल-दिमाग से इसको मानो ।
इससे अच्छा मार्ग हो कोई , तो उसको मुझको बतलाओ ;
वरना मेरी बात मानकर ,”नोटा” अभियान में लग जाओ ।
जो भी पढ़े-लिखे हिंदू हैं , अनपढ़-हिंदू को बतलाओ ;
सारे – हिंदू करेंगे “नोटा” , मनचाहे शासन को पाओ ।
केवल कट्टर-हिंदू ही जीतें , अन्य की जब्त-जमानत हो ;
अब्बासी-हिंदू कोई न जीते, “नोटा” की मार भयानक हो ।
इसका चमत्कार देखोगे , हिंदू – शासन आयेगा ;
राष्ट्र के संकट दूर हटेंगे , राम – राज्य सा आयेगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”