सदियों बाद मिल रहा मौका
मुस्लिम ब्रदरहुड पूरी दुनिया में,अब हिंदू ब्रदरहुड को लाओ
हिंदू को सर्वोत्तम मौका , “एकम् सनातन भारत” लाओ ।
सारी दुनिया में एक हों हिंदू , कोई न अब्बासी-हिंदू ;
बंदी हो सारे जिहाद की , पूर्ण सुरक्षित सारे हिंदू ।
शुरुआत करो अपने भारत से , सारे हिंदू एक हों ;
अब्बासी-हिंदू के जाल को तोड़ो , गुंडे मटियामेट हों ।
शांतिपूर्ण सत्ता – परिवर्तन , एक वर्ष में करना है ;
केवल इसी परिस्थिति में ही , देश सुरक्षित रहना है ।
वरना ये अब्बासी – हिंदू , भारतवर्ष मिटा देगा ;
इसका है ग्लोबल – एजेंडा , गजवायेहिंद करा देगा ।
जागो हिंदू ! अब तो जागो , “एकम् सनातन भारत” आया ;
सदियों बाद मिल रहा मौका , हिंदू का सौभाग्य है आया ।
“एकम् सनातन भारत” का प्रण , कोई अन्याय नहीं होगा ;
अंधेर – नगरी नहीं रहेगी , चौपट – राजा न होगा ।
कितना दर्द सहा हिंदू ने ? कितनी मर्मान्तक पीड़ा है ?
सारे कष्टों से मुक्ति मिलेगी , “एकम् – सभा” का बीड़ा है ।
हिंदू के कष्टों का कारण , चरित्रहीनता – भ्रष्टाचार ;
अब्बासी – सरकारी – हिंदू का , पूरा – पूरा अत्याचार ।
भारत की आजादी फर्जी , पूरा – पूरा धोखा है ;
अब्बासी – हिंदू की साजिश से , हिंदू ने खाया धोखा है ।
लगातार चल रही है साजिश , अमृत-महोत्सव ढोंग है ;
हिंदू कहीं जाग न जाये , अब्बासी – हिंदू का हड़बोंग है ।
“एकम् सनातन भारत” आने से , डूब रहा अब्बासी-हिंदू ;
हिंदू तेजी से जाग रहा है , जाग जायेगा हर हिंदू ।
धरती डोल रही गुंडों की , अब्बासी-हिंदू भाग रहा है ;
काशी में लुटिया डूब रही है , वहां का हिंदू जाग रहा है ।
मंदिर को तुड़वाने वाला , गलियारा बनवाने वाला ;
उसका तंबू उखड़ रहा है , टेंट – सिटी बसवाने वाला ।
अब्बासी – हिंदू का पूरा जादू , हिंदू के सर से उतर रहा है ;
इसका दिया है बुझने वाला , अंतिम रूप से भभक रहा है ।
अब्बासी-हिंदू फेंको कचरे में , जो कि हिंदू – संहारक है ;
“एकम् – सभा” को अब लाना है , जो हिंदू – उद्धारक है ।
हिंदू का हित सदा उसी में , जो मानवता का हित है ;
धर्म – सनातन है मानवता , प्राणिमात्र तक का हित है ।