ईसाई आजाद हैं सारे , मुस्लिम भी आजाद हैं ;
पर गांधी – नेहरू की साजिश , क्या हिंदू आजाद हैं ?
गांधी – नेहरू नहीं थे हिंदू , केवल नाम के हिंदू थे ;
गांधी – नेहरू पूरे अब्राहमिक , कहीं नहीं ये हिंदू थे ।
एक नंबर के चरित्रहीन थे , इसी से हिंदू- धर्म विरोधी ;
बाद में भी लगभग सब ऐसे , पूरे हिंदू – धर्म विरोधी ।
मंदिर पर सरकारी कब्जा , उसका धन जजिया में देते ;
धर्म की शिक्षा हिंदू को ये , कभी नहीं लेने देते ।
झूठा-इतिहास भी इसी के कारण , हिंदू-गौरव ढंका रहे ;
चरित्रहीन नेता ये चाहें , हिंदू बस वोटर बना रहे ।
दिशा भ्रमित हिंदू को करके , चरित्रहीन सत्ता पर आये ;
तुष्टीकरण बढ़ाते जाते और अब , तृप्तीकरण पर आये ।
बाबा और नेता सभी भ्रष्ट हैं, डालर-दीनार का चक्कर है ;
कितना भ्रष्टाचार बढ़ाया ? शासन पूरा घनचक्कर है ।
परम – स्वार्थी हिंदू- नेता , केवल सत्ता के लोभी हैं ;
फ्री मेजन संस्था के सदस्य हैं , इसी से धर्म विरोधी हैं ।
इसी के कारण मंदिर तुड़वाते , डीएनए यही मिलाते हैं ;
चरित्रहीनता के चक्कर में , गजवायेहिंद होने देते हैं ।
गौरी-गजनी को बाप बनाकर , अभी भी मंदिर लूट रहे ;
औरंगजेब तक तोड़ न पाया , वे भी मंदिर टूट रहे ।
पूरी – पूरी साजिश इनकी , हिंदू – धर्म मिटाने की ;
इनको लगता यही दिशा है , नोबेल – प्राइज पाने की ।
परिवारवाद की क्या थी हस्ती? व्यक्तिवाद कितना गंदा है?
सर्वश्रेष्ठ है धर्म – सनातन , उसे मिटाने का धंधा है ।
हिंदू को मिटने से बचना , पूरी – पूरी आजादी पाओ ;
योगी-हेमंता को केंद्र में लाकर, देश को हिंदू-राष्ट्र बनाओ ।
हिंदूवादी कट्टर- नेता ही , हिंदू की जान बचा पायेगा ;
वो ही मंदिर को मुक्त करेगा , हिंदू- धर्म बचा पायेगा ।
योगी-हेमंता पीएम प्रत्याशी हों,तबही दलको वोटहै करना;
वरना वर्तमान नेता के चलते , सारे हिंदू नोटा ही करना ।
जन्म सिद्ध अधिकार हमारा , हमको भी आजादी दो ;
अमृत-महोत्सव के धोखे में , हिंदू खुद को न फंसने दो ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”