
Movie Review : अनुभवहीन निर्देशक को फिल्म की कमान देना हादसा साबित हुआ
विपुल रेगे। एक साइंस एक्शन थ्रिलर बनाने से पहले क्या पूर्व तैयारी करनी होती है, ये बॉलीवुड को आज तक समझ नहीं आया है। आदित्य रॉय कपूर की ‘राष्ट्र कवच ओम’ दर्शक को प्रभावित करने में नाकाम होती दिखाई दे रही है। फिल्म यकीन दिलाने की कला है। यदि इस कला को वास्तविकता के साथ प्रस्तुत न किया जाए तो बॉक्स ऑफिस पर हादसा बनते देर नहीं लगती। दो सफल फिल्मों ‘भूल-भुलैया 2’ और ‘जुग जुग जियो’ के बाद बॉलीवुड पुनः गोता लगा गया है।
अनुभवहीन निर्देशक कपिल वर्मा को ‘राष्ट्र कवच ओम’ की कमान देना निर्माता की बड़ी गलती सिद्ध हुई है। ये एक अच्छी स्क्रिप्ट थी। इस पर अच्छा काम किया जा सकता था और फिल्म को हिट की श्रेणी में लाया जा सकता था। हालांकि कपिल वर्मा की बड़ी गलतियों ने पहले दिन ही फिल्म को दर्शक के मन से उतार दिया। एक वैज्ञानिक देव राठौर देश की सुरक्षा के लिए एक बड़े अविष्कार पर काम कर रहा है। उस कवच के बनने के बाद देश किसी भी परमाणु हमले के खतरे से सुरक्षित रह सकता है।
ISD 4:1 के अनुपात से चलता है। हम समय, शोध, संसाधन, और श्रम (S4) से आपके लिए गुणवत्तापूर्ण कंटेंट लाते हैं। आप अखबार, DTH, OTT की तरह Subscription Pay (S1) कर उस कंटेंट का मूल्य चुकाते हैं। इससे दबाव रहित और निष्पक्ष पत्रकारिता आपको मिलती है। यदि समर्थ हैं तो Subscription अवश्य भरें। धन्यवाद।
देव राठौर के साथ उसके ही दो लोग धोखा करते हैं। वे देव का अपहरण कर उस तकनीक को विकसित करते रहते हैं। देव राठौर का बेटा ओम एक पैरा कमांडो है और अपने पिता के गायब होने के बाद उनके सर पर लगे देशद्रोही के टैग को समाप्त करना चाहता है। एक अच्छी कहानी को ज़ोरदार ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है। यदि ये न मिले तो राष्ट्र कवच ओम जैसी दुर्घटना घटित हो जाती है। निर्देशक ने बड़ी ही लाउड एप्रोच का इस्तेमाल किया है, वह आदित्य के एंट्री सीन से पता चल जाता है।
एंट्री का ये दृश्य बेवकूफी की अच्छी मिसाल है। हमारा हीरो बिना पैराशूट उड़ते हवाई ज़हाज़ से समुद्र में छलांग लगा देता है। फिर वह उस पानी में से बीस फ़ीट ऊपर भी छलांग लगा लेता है। वीएफएक्स यदि सस्ते हो तो एक्शन दृश्यों का कबाड़ बन जाता है। सस्ते वीएफएक्स ने दरअसल पूरी फिल्म का ही कबाड़ मार दिया है। हॉलीवुड से आप क्यों नहीं सीखते। आप क्यों नहीं सीखते कि साइंस फिक्शन के लिए तर्क की बहुत आवश्यकता होती है।
आप पूरी फिल्म में राष्ट्र कवच की बात करते हैं लेकिन उसे लेकर एक घटिया से वीएफएक्स दृश्य के अलावा कुछ नहीं दिखाते। जिस विषय पर फिल्म टिकी हुई है, उसके बारे में विस्तारपूर्वक व्याख्या ही नहीं की गई है। जैकी श्रॉफ का चयन क्यों किया गया। वे किसी भी एंगल से ऐसी फिल्मों के लिए फिट नहीं बैठते हैं। आशुतोष राणा और प्रकाश राज ऐसी भूमिकाओं में टाइप्ड हो चुके हैं। बीसियों फिल्मों में प्रकाश राज ऐसी भूमिका में दिखाई दिए हैं।
संजना सांघी ने एक्शन अच्छे किये किन्तु वे अभिनय कब तक सीख सकेंगी। इस सप्ताह बॉलीवुड फिर दक्षिण की फिल्म से मात खाता दिखाई दे रहा है। आर माधवन की रॉकेट्री : द नम्बी इफेक्ट बॉक्स ऑफिस पर खूब प्रशंसा बटोर रही है। रॉकेट्री : द नम्बी इफेक्ट भारत के एक देशभक्त वैज्ञानिक की कथा वास्तविक ढंग से कहती है और दूसरी तरफ राष्ट्र कवच ओम’ भी एक वैज्ञानिक की कथा है लेकिन दोनों की प्रस्तुति और सोच में बड़ा अंतर है। इस अंतर को बॉलीवुड समझ पाता तो कभी ‘राष्ट्र कवच ओम’ जैसी फ़िल्में नहीं बनाता।
ज्ञान अनमोल हैं, परंतु उसे आप तक पहुंचाने में लगने वाले समय, शोध, संसाधन और श्रम (S4) का मू्ल्य है। आप मात्र 100₹/माह Subscription Fee देकर इस ज्ञान-यज्ञ में भागीदार बन सकते हैं! धन्यवाद!
Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Bank Details:
KAPOT MEDIA NETWORK LLP
HDFC Current A/C- 07082000002469 & IFSC: HDFC0000708
Branch: GR.FL, DCM Building 16, Barakhamba Road, New Delhi- 110001
SWIFT CODE (BIC) : HDFCINBB
Paytm/UPI/Google Pay/ पे / Pay Zap/AmazonPay के लिए - 9312665127
WhatsApp के लिए मोबाइल नं- 8826291284