अर्चना कुमारी। गुजरात में सत्तारूढ़ होने के आम आदमी पाटी दावा करती है और इसी पार्टी का गुजरात का आप नेता है गोपाल इटालिया। राष्ट्रीय महिला आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गोपाल इटालिया की टिप्पणी को लेकर उसे तलब किया था । जिसके बाद गुजरात इकाई के प्रमुख गोपाल इटालिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कथित टिप्पणियों को लेकर बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग के समक्ष पेश हुए, जिसके बाद उन्हें पुलिस ने वहीं पर उन्हें हिरासत में ले लिया और ढाई घंटे से भी ज्यादा वक्त बाद पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
इटालिया की पेशी के दौरान आप समर्थकों ने आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस के अनुसार, एक शिकायत मिली थी, जिसमें दावा किया गया था कि इटालिया के समर्थक आयोग की इमारत के बाहर हंगामा कर रहे हैं, जिसके बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया। इटालिया को बाद में पुलिस ने सरिता विहार थाने से रिहा कर दिया ।
आप नेता के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि इटालिया को हिरासत में लेने से पूरे गुजरात के पटेल समाज में भारी रोष है। आप के राष्ट्रीय संयोजक ने ट्विटर पर यह भी पूछा पूरी भाजपा इटालिया के पीछे क्यों पड़ी है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इटालिया को हिरासत में लेने को भाजपा की राजनीति करार दिया और आरोप लगाया कि उन्हें हिरासत में इसलिए लिया गया है, क्योंकि वह एक ऐसी पार्टी से हैं, जो स्कूलों को बदलना जानती है।
गौरतलब हो कि आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपमानजनक और अभद्र भाषा का कथित इस्तेमाल करने के लिए इटालिया को तलब किया था और कहा था कि उनकी टिप्पणी लैंगिक पक्षपात और स्त्री द्वेष को दर्शाती है और निंदा करने लायक है। उन्होंने सुनवाई के बाद कहा कि इटालिया ने मौखिक बयान में दावा किया है कि जिस वायरल वीडियो के आधार पर उन्हें बुलाया गया था उस वीडियो में दिख रहा व्यक्ति वह नहीं हैं।
हालांकि, उन्होंने अपने लिखित जवाब में कहा है कि उनका यह मतलब नहीं था ।सुनवाई के बाद, पुलिस ने इटालिया को हिरासत में ले लिया। आयोग के अधिकारी के मुताबिक, सुनवाई के बाद इटालिया को कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को बाधित करने वाले हालात पैदा करने के लिए हिरासत में ले लिया गया, जबकि सुनवाई के दौरान आप के समर्थकों ने आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया और इमारत में घुसने की कोशिश की और हंगामा किया।