जब से राहुल गांधी ने संसद में राफेल डील पर मोदी सरकार पर हमला किया है तब से उसकी सच्चाई परत दर परत खुलती जा रही है। रक्षा मंत्रालय से मिले दस्तावेज के मुताबिक मोदी सरकार ने फ्रांस से राफेल डील के तहत यूपीए सरकार की तुलना में 59 करोड़ रुपये प्रति एयरक्राफ्ट कम में सौदा पक्का किया है। उस दस्तावेज से एक और खुलासा हुआ है। राफेल को लेकर जो डील यूपीए सरकार ने की थी वही डील अगर मोदी सरकार करती तो देश को 255 करोड़ रुपये बच जाते। कहने का मतलब वह डील 255 करोड़ रुपये कम में होती।
मुख्य बिंदु
* मोदी सरकार ने यूपीए सरकार की तुलना में 59 करोड़ रुपये प्रति एयरक्राफ्ट सस्ता सौदा किया है
* राफेल एयरक्राफ्ट के लिए जो डील यूपीए सरकार ने की वही डील मोदी सरकार करती तो 255 करोड़ रुपये बचते
मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ जिन 36 राफेल एयरक्राफ्ट की डील की है उसकी कुल कीमत 59,262 करोड़ रुपये है। लेकिन सोनिया गांधी नियंत्रित डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने 126 एयरक्राफ्ट की डील की थी, जो बाद में निरस्त कर दी गई, उसकी कीमत 1,72,185 करोड़ रुपये होती। इस प्रकार मोदी सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल एयरक्राफ्ट का जो सौदा किया है उससे यूपीए सरकार के दौरान हुए सौदे की तुलना में प्रति एयरक्राफ्ट 59 करोड़ रुपये देश का बचा है। मालूम हो की यूपीए सरकार ने 2007-08 में फ्रांस से 126 एयरक्राफ्ट का सौदा किया था। जबकि मोदी सरकार ने 2016 में 36 एयरक्राफ्ट का सौदा किया था।
जबकि इस एयरक्राफ्ट में देश की जरूरत के हिसाब से कई और सुधार किए गए हैं, इस पर अलग से 9,855 करोड़ रुपये लगाए गए हैं। मोदी सरकार ने इस एयरक्राफ्ट को और भी ताकतवर बनवाया है। राफेल एयरक्राफ्ट में 300 किमी रेंज की स्काल्प (एससीएएलपी) मिसाइलें लगवाई हैं। जबकि ये चीजें यूपीए सरकार द्वारा हुई डील में नहीं थी।
रक्षा मंत्रालय तथा भारतीय वायु सेना द्वारा इस साल तैयार किए गए दस्तावेज के मुताबिक मोदी सरकार की डील के तहत हथियार, रखरखाव, मरम्मत तथा तकनीक सहयोग आदि की कीमत 1,646 करोड़ रुपये है जबकि यूपीए सरकार ने जो डील की थी उसके तहत इसकी कीमत 1,705 करोड़ थी। इस हिसाब से देखा जाए तो मोदी सरकार ने 59 करोड़ रुपये कम में डील पक्की की है। मंत्रालय के दस्वावेज के आंकलन से स्पष्ट पता चलता है कि जो डील यूपीए सरकार ने की थी, उसी एयरक्राफ्ट के लिए अगर मोदी सरकार डील करती तो यह सौदा 255 करोड़ रुपये और सस्ता पड़ता।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिछले एक साल से मोदी सरकार पर राफेल डील को लेकर आरोप लगाते आ रहे हैं। कभी एयरक्राफ्ट की कीमत को लेकर तो कभी समझौते को लेकर, कई बार तो उन्होंने इस समझौते में घपला होने तक का आरोप लगाया है। लेकिन जब से संसद में उन्हों रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए हैं तब से इस मसले पर परत-दर-परत सचाई सामने आने लगी है।
वैसे तो मोदी सरकार बहुत पहले से कहती आ रही है कि फ्रांस सरकार के साथ जो राफेल एयरक्राफ्ट का सौदा हुआ है वह यूपीए सरकार की तुलना में सस्ता और बेहतर हुआ है। लेकिन अब जब मंत्रालय का दस्तावेज आ गया है तो लगता है कि अब यह बहस हमेशा के लिए शांत हो जाएगी!
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URL: government document reveals india saved rs 59 crore per rafale aircraft under modi government-1
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