
गुमनामी बाबा वीर सुभाष
रहस्य उजागर हुआ देश का , सरकारों ने मुंह की खायी ;
सुभाष बोस ही थे गुमनामी , सच्चाई ये सामने आयी ।
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कदम – कदम पर सरकारों ने , देश को रखा धोखे में ;
किस कदर राष्ट्रद्रोही सरकारें ? वो तो केवल भारत में ।
सत्ता की इस कदर थी चाहत , गला घोंटते रहे सत्य का ;
उनको था पूरा अंदेशा , खतरा था सत्ता जाने का ।
“अनुज धर”को साधुवाद है, मौत के मुंह से सत्य निकाला ;
निर्विवाद ये परम -सत्य है , झूठ का होता है मुंह काला ।
अनुजधर की पुस्तकआयी “वितास्ताप्रकाशन” छापनेवाला ;
सुभाष बोस गुमनामी बाबा , जो इस भारत का रखवाला ।
भारतवर्ष के पहले पीएम , सुभाष चंद्र जी बोस थे ;
भारत को आजाद कराया , ये ही वीर सुभाष थे ।
वो तो एटम- बम के कारण , जापान ने घुटने टेक दिये ;
इसीलिये रणनीति के चलते , सुभाष बोस गुमनाम हुये ।
अंडर ग्राउंड रहे रूस में , नेपाल से होकर भारत आये ;
अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते , सन्यासी के वेष में आये ।
भगवन जी भी कहलाते थे , गुमनामी बाबा भी यही तो थे ;
कई निकटतम साथी जानें , आकर उनसे मिलते थे ।
बड़े-बड़े नेता भी जानें , सुभाष बोस ही उनको मानें ;
पर सत्ता का लालच ऐसा , खुलेआम ये बात न मानें ।
उनको डर था ,रहस्य ये खुलते, उनकी सत्ता चली जायेगी ;
हर हालत में देश की जनता , पीएम उन्हें बनायेगी ।
परम – स्वार्थी नेताओं ने , राष्ट्र से कितना घात किया ?
केवल सत्ता के लालच से , ये विश्वासघात किया ।
अब जब सत्य सामने आया , राष्ट्र का ये दायित्व है ;
औपचारिक ये करें घोषणा , राष्ट्र का ये कर्तव्य है ।
भारत- रत्न सम्मानित होगा , इनको भारत-रत्न बनाओ ;
गुमनामी बाबा ही बोस थे , खुलकर सच्ची बात बताओ ।
गुमनामी बाबा की समाधि को,अब भारत का तीर्थ बनाओ;
देश की भटकी राजनीति को ,अब तो सही राह पर लाओ।
सुभाष बोस ही ध्रुव- तारा हैं , भारत को राह दिखायेंगे ;
भारत ही हकदार है जिसका , वो स्थान दिलायेंगे ।
भारत की आजादी फर्जी , अब ये काला दाग मिटाओ ;
कलंकमुक्त हो राष्ट्र तभी ही,सही व्यक्ति को श्रेय दिलाओ ।
“वंदेमातरम-जयहिंद”,रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”
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