प्रो विजेता सिंह। जिस भी उत्पाद पर हलाल मार्क लगा हो उसे ना खरीदें। हलाल एक तरह का आर्थिक जेहाद है। मुसलमानों द्वारा प्रत्येक पदार्थ अथवा वस्तु इस्लाम के अनुसार वैध अर्थात ‘हलाल’ होने की मांग की जा रही है । उसके लिए ‘हलाल सर्टिफिकेट (प्रमाणपत्र)’ लेना अनिवार्य किया गया । इसके द्वारा इस्लामी अर्थव्यवस्था अर्थात ‘हलाल इकॉनॉमी’ को धर्म का आधार होते हुए भी बहुत ही चतुराई के साथ निधर्मी भारत में लागू किया गया. अब तो यह हलाल प्रमाणपत्र केवल मांसाहारतक सीमित न रहकर खाद्य पदार्थ, सौंदर्य प्रसाधन, औषधियां, चिकित्सालय और मॉल के लिए भी आरंभ हो गया है । भविष्य में स्थानीय व्यापारी, पारंपरिक उद्यमी, साथ ही अंततः राष्ट्र के लिए क्या संकट खडा हो सकता है, इस पर विचार करना आवश्यक है
हलाल और हराम क्या हैं?
हलाल एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है ‘अनुमेय या वैध’। दूसरी ओर, हराम एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है ‘निषिद्ध या अवैध’। कुरान में वर्णित हलाल प्रक्रिया के अनुसार: केवल एक मुस्लिम व्यक्ति ही जानवर को मार सकता है। कई जगहों पर यह भी उल्लेख किया गया है कि अगर यहूदी और ईसाई हलाल प्रक्रिया का पालन कर जानवरों को मारते हैं, तो यह मांस इस्लामिक नियमों के अनुसार हलाल है। तेज चाकू की मदद से जानवर की नस, गर्दन और सांस की नली इस तरह से काटें कि जानवर का सर धड़ से अलग न हो। जानवर को मारते समय कुरान की आयत अवश्य पढ़ी जानी चाहिए.
भारत में, लगभग दर्जन भर कंपनियाँ हलाल सर्टिफिकेशन देती हैं जो इस्लाम के अनुयायियों के लिए खाद्य या उत्पादों के इस्तेमाल की अनुमति देता है। भारत में महत्वपूर्ण हलाल सर्टिफिकेशन कंपनियां हैं:
1- हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड।
2- हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड।
3- जमीयत उलमा-ए-महाराष्ट्र- जमीयत उलमा-ए-हिंद की एक राज्य इकाई।
4- जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट।
हलाल सर्टिफिकेशन के बाद उत्पादों की कीमत बढ़ जाती है क्योंकि पूरी प्रक्रिया में पैसे लगते हैं जो कंपनिया ग्राहकों से वसूलती हैं। हलाल सर्टिफिकेशन के लिए कई प्रक्रियाओं में गैर-मुस्लिमों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हैं, जैसे हलाल स्लॉटरहाउस। भारत सरकार के ‘कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority)’ या APEDA ने अपने रेड मीट मैन्युअल में से ‘हलाल’ शब्द को ही हटा दिया है और इसके बिना ही दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
वीडियो साभार- India Speaks Daily