आज से देश में मंगल टीके का शुभारम्भ हो गया है। इस मंगल टीके से हमारी सरकार को मरते हुये कोरोना को दफ़नाने का श्रेय मिलने वाला है। ईश्वर करे कि यह मंगल टीका पानी की तरह निश्छल और पवित्र हो जिससे टीका लगवाने वाले को किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट हो।
वैसे तो वैक्सीन बनाने वाली कंम्पनियों के सी ई ओ ने वैक्सीन की गुणवत्ता पर पहले ही टिप्पणी और छींटाकशी कर रखी है। इसके साथ-साथ डी जी सी आई ने भी दोनों वैक्सीन को 110% सुरक्षित बताया है,

परन्तु इसका आधार क्या है किसी को नहीं पता ? क्या वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के ट्रायल डाटा के आधार पर डी जी सी आई ने वैक्सीन को 110% सुरक्षित बताया है ?
वैक्सीन में हो रही धोखाधड़ी एवं साइड इफेक्ट की खबर पूरी दुनिया से आ रही है। इंग्लैंड ने वैक्सीन को लेकर कई DO’s & DONT’s जारी किये हैं, परन्तु हमारे देश में ऐसा कोई भी निर्देश स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी नहीं किया,
क्योंकि हम अपने वैज्ञानिकों का सम्मान करते हैं। हम सभी को वैक्सीन लगा पाने को उपलब्धि समझ रहें हैं और विकसित देश वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
चूँकि पूरे देश में शुभ मंगल टीकाकरण का अभियान शुरू हो चुका है और अब इसे रोकना संभव नहीं है अत: हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि किसी भी भारतीय की छति ना हो।
कमाण्डर नरेश कुमार मिश्रा
फाउन्डर ज़ायरोपैथी
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