
बड़ी मेहनत से बनाया फिल्म उद्योग समाप्ति की सीमारेखा पर खड़ा है
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ऐसी राह पर चल पड़े हैं, जहाँ से वापसी करना अब बहुत मुश्किल होगा। केंद्र से लगातार लड़ाई में उद्धव इस स्तर पर उतर आए हैं कि सामान्य शिष्टाचार तक भूल चुके हैं। बुधवार को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंबई पहुँचने से पूर्व मंगलवार की शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के बयान ने समझा दिया कि वे योगी जी के मुंबई दौरे से प्रसन्न नहीं हैं।
उद्धव ठाकरे ने कटाक्ष करते हुए कहा ‘महाराष्ट्र मैग्नेटिक है। इसकी ताकत के कारण बहुत से लोग यहाँ आते हैं। आज भी आएँगे।’ किसी राज्य का मुख्यमंत्री दूसरे राज्य में जाता है तो एक औपचारिक शिष्टाचार की नीति होती है, जो यहाँ दिखाई नहीं दी। योगी के एक सामान्य दौरे का विरोध सिर्फ इसलिए कि वे एक विश्व स्तरीय फिल्म सिटी का निर्माण करने जा रहे हैं।
ISD 4:1 के अनुपात से चलता है। हम समय, शोध, संसाधन, और श्रम (S4) से आपके लिए गुणवत्तापूर्ण कंटेंट लाते हैं। आप अखबार, DTH, OTT की तरह Subscription Pay (S1) कर उस कंटेंट का मूल्य चुकाते हैं। इससे दबाव रहित और निष्पक्ष पत्रकारिता आपको मिलती है। यदि समर्थ हैं तो Subscription अवश्य भरें। धन्यवाद।
मुझे याद नहीं पड़ता कि योगी जी या उनकी सरकार के किसी मंत्री ने कभी ये कहा हो कि हम बॉलीवुड को मुंबई से छीन लेंगे। संजय राउत और उद्धव ठाकरे इतने इनसिक्योर क्यों हैं। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के फ़िल्मी सितारों से मिलने भर से उन्हें डर लगने लगा है।
इस तरह के आधारहीन आरोप लगाने से पूर्व उद्धव ठाकरे हिन्दी फिल्म उद्योग में पनप रही गंदगी को साफ़ करने में रुचि दिखाए तो इंडस्ट्री का भला हो। उद्धव जानते नहीं है कि बॉलीवुड अपने ही बोझ से चरमरा रहा है। छोटे फिल्म निर्माता अब मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में आउटडोर शूटिंग लोकेशन खोजते हैं।
मुंबई में फिल्म बनाने की लागत इतनी अधिक हो चुकी है कि सामान्य फिल्म निर्माता को बड़े कष्ट उठाने पड़ते हैं। अक्षय कुमार, सलमान खान, आमिर खान, शाहरुख़ खान की फीस इतनी अधिक है कि फिल्म की लागत देखते-देखते दोगुनी हो जाती है।
वे पुराने स्टूडियो भी धीमे-धीमे बंद होते जा रहे हैं, जहाँ फिल्म निर्माता सस्ते में शूटिंग कर सकता था। बॉलीवुड में केवल कुछ खानदानी घरानों की मोनोपॉली चल रही है। उद्धव ठाकरे कहते हैं कि वे फिल्म मेकर्स को सारी सुविधाएं देते हैं।
यदि ऐसा ही होता तो पचास हज़ार करोड़ के संगठित उद्योग को बनारस का घाट दिखाने के लिए महेश्वर क्यों जाना पड़ता। विगत एक साल से कोरोना काल में सिनेमा उद्योग को बड़ा नुकसान हुआ है। सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध हत्या ने बॉलीवुड को बहुत बड़ा झटका दिया है। उसके बाद प्रदर्शित हुई सभी फ़िल्में बुरी तरह पिट गई हैं।
अमिताभ बच्चन, सलमान खान और कपिल शर्मा के शो की रेटिंग धूल चाट रही है। अब तक सितारों का काम विज्ञापन के ‘इको सिस्टम’ से चल रहा था, लेकिन खराब होती छवि के कारण बहुत से सितारों के विज्ञापन छीन लिए जाएंगे। उद्धव ठाकरे ने सुशांत की मौत, दिशा सालियान की मौत, ड्रग्स के कनेक्शन से खराब होती बॉलीवुड की छवि सुधारने के लिए क्या किया।
इस फलते-फूलते उद्योग को बचाने के लिए उन्हें अब तक बहुत चिंतित होना चाहिए था। ये तथ्य राजनीतिज्ञ अनदेखा कर रहे हैं कि बॉलीवुड बड़े संकट में है। जिस तरह से लोगों ने बॉलीवुड के खात्मे को सत्याग्रह बना लिया है, उसे देखते हुए अगले दो साल के भीतर इसके बिखर जाने के पूरे आसार दिखाई दे रहे हैं। उद्धव ठाकरे और देश के सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इस प्रकरण को बहुत दूर से देख रहे हैं।
वे इतनी ऊंचाई पर बैठे लोग हैं कि जमीन की वास्तविकता से वे परिचित ही नहीं हैं। उद्धव ठाकरे का अहंकार केवल उनकी पार्टी के शेर को ही नहीं खा रहा है, बल्कि उसके कारण बड़ी मेहनत से बनाया फिल्म उद्योग समाप्ति की सीमारेखा पर खड़ा है। हिमालय पर बैठे लोगों को वह सीमारेखा दिखाई नहीं देगी।
ज्ञान अनमोल हैं, परंतु उसे आप तक पहुंचाने में लगने वाले समय, शोध, संसाधन और श्रम (S4) का मू्ल्य है। आप मात्र 100₹/माह Subscription Fee देकर इस ज्ञान-यज्ञ में भागीदार बन सकते हैं! धन्यवाद!
Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment

Bank Details:
KAPOT MEDIA NETWORK LLP
HDFC Current A/C- 07082000002469 & IFSC: HDFC0000708
Branch: GR.FL, DCM Building 16, Barakhamba Road, New Delhi- 110001
SWIFT CODE (BIC) : HDFCINBB
Paytm/UPI/Google Pay/ पे / Pay Zap/AmazonPay के लिए - 9312665127
WhatsApp के लिए मोबाइल नं- 8826291284
वाह बहुत ठीक कह रहे हैं
आपकी प्रतिक्रिया बहुमूल्य है।
Bahut satik vishleshan sir ji
धन्यवाद रोहित