हाथरस कांड को लेकर खुलासा हुआ है की पीड़िता व उसके परिवार और आरोपी संदीप के बीच 104 बार 6 महीने के भीतर बातचीत हुई थी। दोनों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स बताता है कि पिछले साल अक्टूबर माह से इस साल मार्च महीने के बीच में करीब 42 बार कॉल पीड़ित पक्ष की ओर से आरोपी को किए गए जबकि आरोपी के द्वारा 62 कॉल पीड़िता को किए गए थे।
दावा किया गया है कि लड़का और लड़की के बीच करीब 2 सालों से प्रेम प्रसंग चल रहा था और इस बात की जानकारी दोनों के परिजनों को भी थी उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले में नया मोड़ तब सामने आया जब दोनों के मोबाइल सीडीआर के बारे में नई जानकारियां सामने आई। यूपी पुलिस की जांच में पता चला है कि 19 वर्षीय पीड़िता और उसका परिवार मामले के मुख्य आरोपी के साथ लगातार संपर्क में थी। पुलिस ने अपनी पड़ताल में पाया है कि पीड़ित परिवार और मुख्य आरोपी संदीप फोन के जरिए आपस में संपर्क में थे और पीड़ित परिवार। संदीप के बीच फोन पर बातचीत का सिलसिला पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुआ।
माना जा रहा है कि भले ही पीड़ित परिवार का मोबाइल लड़की के भाई के नाम पंजीकृत है लेकिन इस मोबाइल का इस्तेमाल लड़की आरोपी संदीप से बातचीत के लिए करती थी हालांकि इस बारे में अभी गहन जांच जारी है। सनद रहे कि कथित गैंगरेप और जानलेवा हमले के इस मामले में उसी गांव का संदीप मुख्य आरोपी है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीड़िता के परिवार और मुख्य आरोपी के फोन की जांच की है। जांच में पाया गया कि पीड़िता मुख्य आरोपी के साथ लगातार टेलीफोनिक संपर्क में थी।अधिकांश कॉल चंदपा क्षेत्र में स्थित और सेल टॉवरों से किए गए थे, जो पीड़िता के गांव बूलगढ़ी से बमुश्किल 2 किमी दूर थे।प्रेम संबंध होने का यह मतलब नहीं है कि आरोपी पीड़िता की हत्या नहीं कर सकता।
यह जांच का विषय है और इसका जवाब जांच एजेंसियां ही तलाश करेंगी। वैसे इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद जांच को लेकर गेंद सुप्रीम कोर्ट के पाले में है।
उत्तर प्रदेश सरकार की जांच में यह पाया गया कि हाथरस बुलगढी के संदीप नाम के कथित मुख्य आरोपी का पीड़िता से प्रेम संबन्ध चल रहा था। इन दोनों के परिजन इस संबंध को लेकर नाराज भी थे। इनके बीच कई बार झगड़ा भी हुआ और मामला पंचायत तक गया। लेकिन आपसी समझौते के बाद भी लड़की और आरोपी में संबंध कायम रहे। करीब 4 महीने पहले दोनों परिवारों के बीच झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि लड़के को गांव से बाहर भेजने का फैसला किया गया।
इस घटना के बाद आरोपी घटना के 4-5 दिनों पहले दिल्ली से गांव लौटता है। जबकि घटना वाले दिन 14 सितंबर को वह अपनी मां के साथ लेकिन कुछ दूरी पर खेत में घास काट रही पीड़ित लड़की के पास पहुंच कर बात करने लगता है। जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए लड़की का भाई जिसका नाम भी संदीप है, वह इसका विरोध करता है। आरोप है कि खेत में ही लड़की के साथ मारपीट की जाती है हालांकि पीड़ित पक्ष का कहना है की संदीप ने कुछ साथियों के साथ मिलकर लड़की साथ मारपीट की थी।
वहीं आरोपी पक्ष का दावा है कि लड़की की मां और भाई ने मिलकर उसे मारा पीटा। लड़की (मृतका) का भाई उसके बाद थाने पहुंच कर आरोपित लड़के सन्दीप और उसके दोस्त लवकुश के खिलाफ मारपीट, दलित उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करवाता है।
घटना की पीड़ित लड़की के भाई द्वारा इस एक मात्र और शुरुआती दर्ज एफआईआर में किसी बलात्कार की कोई शिकायत नहीं की गई जबकि जख्मी लड़की को स्थानीय अस्पताल में इलाज के लिये ले जाया गया। बाद में मेडिकल कालेज से होते हुए लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया।
जहां उसकी 30 सितम्बर की सुबह मौत हो गई। जिसके दो दिन बाद आरोपित सन्दीप, लवकुश सहित दो अन्य नामजद लड़कों को गिरफ़्तार कर लिया गया। पुलिस जांच मेंं पता चला कि शुरुआती मेडिकल रिपोर्ट और दुखद मौत के बाद अंतिम मेडिकल रिपोर्ट यानी पोस्टमार्टम रिपोर्ट दोनों में साफ कहा गया कि मृतका से बलात्कार नहीं हुआ है। लेकिन स्थानीय मीडिया मारपीट और दलित उत्पीड़न की खबर और रिपोर्टिंग करते हैं। धीरे-धीरे इसे दलित उत्पीड़न करार दिया गया।
इसी बीच दलित-सवर्ण एंगल पर राजनीति शुरू हो जाती है। इस बीच इस घटना को सनसनीखेज बनाने के लिए पीड़िता की जीभ काटने, रीढ़ की हड्डी तोड़ देने और सामूहिक बलात्कार की खबरें प्रसारित की जाती है ।
इसके बाद बड़े-बड़े नेताओं का इस गांव में दौरा शुरू हो जाता है। फिर अचानक ही सुनियोजित ढंग से सबसे पहले स्थानीय जिले स्तर की मीडिया फिर उसके बाद राष्ट्रीय मीडिया के कुछ नामचीन चैनल और उनके संवाददाता हाथरस के गांव बुलगढी को पिपली लाइव बना देते हैं।
राजनीतिक रूप से जमीन खो चुकी कांग्रेस इसे आपदा में अवसर बदलने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी इस गांव तक पहुंचते हैं और उनके पीछे पीछे टीआरपी की भूखी मीडिया प्रायोजित रूप से मैदान में उतर जाती है।