कहा जाता है कि जब लोगों के दुर्दिन आते हैं तो मति पहले ही भ्रष्ट हो जाती है। कांग्रेस के साथ यही हाल है। जिस नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी कोर्ट की चौखट से जमानत लेकर घूम रहे हैं उसी मामले को कांग्रेस ने एक बार फिर छेड़ दिया है। कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार की कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को टैग करते हुए एक साथ कई ट्वीट कर नेशनल हेराल्ड के मामले में साल 2015 का तथ्य दिया है। शायद कांग्रेस को पता नहीं था कि सभी को पता है कि उस समय कांग्रेस के कम लेकिन सोनिया गांधी के प्रति बेपनाह वफादारी दिखाने वाले दिग्विजय सिंह के भाई ही प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक थे। ऐसे में उससे कांग्रेस के खिलाफ जाने की उम्मीद कैसे की जा सकती है? ऐसे में कांग्रेस ने लगातार सात ट्वीट कर स्मृति ईरानी को बताया है कि कैसे प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मामले को 2015 में रफा-दफा कर दिया था?
मुख्य बिंदु
* आ बैल मुझे मार की तर्ज पर कांग्रेस ने इस बार खुद नेशनल हेराल्ड मामले को छेड़ा है
* कांग्रेस के खुलासे पर वरिष्ठ पत्रकार और सुब्रमनियन स्वामी ने खोल दी कांग्रेस की पोल
कांग्रेस ने ट्वीट के माध्यम से स्मृति ईरानी को संबोधित करते हुए उनके संज्ञान में ये तथ्य रखा है। कांग्रेस पार्टी पंडित जवाहर लाल नेहरू की विरासत नेशनल हेराल्ड का कर्ज चुकाकर उसे कायम रखना चाहती थी। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि कानूनी रूप से किसी पार्टी को कर्ज देने की कोई मनाही नहीं हैं। सच्चाई तो यह है कि इस संदर्भ में साल 2012 में चुनाव आयोग ने भी स्पष्ट आदेश जारी कर चुका है। कांग्रेस ने कहा है कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है। इसलिए कंपनी के डायरेक्टर तथा शेयरधारकों को इस कंपनी से किसी प्रकार के लाभ लेने पर पाबंदी है। कांग्रेस ने यह भी कहा है नेशनल हेराल्ड की अधिकांश संपत्ति सरकार से लीज पर ली हुई है, जिसे बेची नहीं जा सकती है। कांग्रेस अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को बचाते हुए लिखा है कि उन्होंने कोर्ट से मीडिया हाउसों को नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े तथ्यों को गलत रूप से प्रकाशित करने से मना करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। कांग्रेस ने अपने अपने अंतिम ट्वीट को एक बार फिर स्मृति ईरानी को संबोधित करते हुए लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधीन प्रवर्तन निदेशालय ने 2015 में नेशनल हेराल्ड मामले को बंद कर दिया था क्योंकि इस मामले में उन्हें कोई साक्ष्य नहीं मिला था।
कांग्रेस के ट्वीट के बाद उसका जवाब देने की बारी भाजपा की थी। कांग्रेस के सात ट्वीट का जवाब भाजपा ने अपने एक ट्वीट में ऐसा दिया कि कांग्रेस की बोलती बंद हो गई। भाजपा ने कांग्रेसे के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा कि क्या यह सच नहीं है कि जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक का संबंध सोनिया गांधी के वफादार दिग्विजय सिंह के साथ था। भाजपा ने अपने ट्वीट में कहा कि अगर प्रवर्तन निदेशालय के पास कोई साक्ष्य नहीं होते तो कैसे कोर्ट ने गांधी मा-बेटे के खिलाफ कर पुनर्मूल्यांकन का आदेश देता, जिसके खिलाफ स्वयं राहुल गांधी और सोनिया गांधी कोर्ट में याचिका दे चुके हैं। ध्यान रहे कि कोर्ट ने हाल में दोनो मां-बेटे की याचिका खारिज भी कर दी है।
फिर एक वरिष्ठ पत्रकार ने उसका पोल खोला
कांग्रेस पार्टी के नेशनल हेराल्ड मामले बंद किए जाने के अर्धसत्य की पोल वरिष्ठ पत्रकार जे गोपीकृष्ण ने खोल दी है। उन्होंने कांग्रेस के ट्वीट के अधूरे तथ्या का खुलासा करते हुए लिखा है कि जिस समय ईडी ने नेशनल हेराल्ड का मामला बंद किया था उस समय ईडी के निदेशक दिग्विजय सिंह के चचेरे भाई राजन कटोच थे। कटोच ने उस समय मजिस्ट्रेट के समन पर केस को हाथ में लेने से मना कर दिया। उन्होंने लिखा था कि मजिस्ट्रेट के समन के आधार पर इस को हाथ में लेने की कोई जरूरत नहीं है। कटोच के इसी अवैध टिप्पणी के लिए मोदी सरकार ने उसे शंट कर दिया। बाद में उसी मजिस्ट्रेट के समन को हाई कोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट ने सही माना।
That time Enforcement Directorate was headed by Digvijay’s cousin Rajan Katoch. He wrote no need to take case on a Magistrate’s Summons. For this illegal opinion Modi Govt shunted him out & Magistrate’s Summons was ratified by HC and SC https://t.co/GY8yFWy4YD
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) 11 September 2018
फिर स्वामी ने जवाब दिया
लगता है कांग्रेस ने इस मामले को उछालकर सही में आ बैल मुझे मार की कहावत को चरितार्थ कर दिया है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता पर प्रतिशोध की भावना से काम करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के इस आरोप को स्वामी ने गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस के इस बयान को उसी का फंदा बना दिया है। इस मामले में ट्वीट करते हुए स्वामी ने इसका संकेत भी दे दिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि अगर कांग्रेस मेरे खिलाफ यह दावा करती है कि मै उसके खिलाफ प्रतिशोध की भावना से काम किया है तो उसने मुझे ही नहीं बल्कि कोर्ट को भी पार्टी बना दिया है। क्योंकि कोर्ट ने कांग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने स्वामी के खिलाफ प्रतिशोध की भावना से काम करने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही स्वामी ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय के कार्यकारी निदेशक के रुप में कटोच ने जो कुछ भी किया वह कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह के संबंधी होने के नाते किया था।
If Congis claim my case is a vendetta that are the courts also party to to the vendetta by rejecting Congi petitions? What ED’s earlier Acting Director Katoch did, was it because of his relative Congi Digvijay?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) 11 September 2018
इस बार कांग्रेस ने जो खुद को मारने के लिए बैल को बुलावा भेजा है इससे लगता है बैल उसे इस बार घायल कर के ही दम लेगा।
नेशनल हेराल्ड मामले से जुडी खबरों के लिए नीचे पढ़ें
फर्जी कर्ज दिखाकर सोनिया-राहुल ने हथिया ली 5 हजार करोड़ की संपति!
National Herald Case: आखिर दस्तावेज पेश करने से बचना क्यो चाहती हैं कांग्रेस?
URL: Herald case: High Court rejects Rahul & Sonia Gandhi’s pleas against tax reassessments-1
Keywords: National Herald, National Herald Case, ED, smriti irani, Dr. Subramanian Swamy, Rahul Gandhi, Sonia Gandhi, nh case, yong india, नेशनल हेरॉल्ड केस, स्मृति ईरानी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुब्रमनियन स्वामी, प्रवर्तन निदेशालय,