अर्चना कुमारी। भारत का दुश्मन देश पाकिस्तान ड्रग्स की काली कमाई से आतंकी घटनाएं करवा रहा है और उसने कश्मीर तथा पंजाब को अपने टारगेट पर रखा है। आशंका है कि दिल्ली में जो ड्रग्स का बड़ा जखीरा पकड़ा गया, उसकी कमाई का इस्तेमाल आतंकी घटनाओं में होना था। फिलहाल स्पेशल सेल ने एक अंतरराष्ट्रीय रैकेट का पर्दाफाश करते हुए ढाई हजार करोड़ रुपए मूल्य के 354 किलो हेरोइन जप्त किया ।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि वर्ष 2019 में ऐसे ही अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सप्लायर से 330 किलो हेरोइन स्पेशल सेल ने बरामद की थी। इसी रैकेट से जुड़े चार और आरोपियों को पकड़ा गया है और इनके नाम रिजवान कश्मीरी, हजरत अली, गुरजोत सिंह तथा गुरप्रीत सिंह है। छानबीन के दौरान पता चला है कि अफगानिस्तान से ईरान होते हुए मुंबई, मध्य प्रदेश के रास्ते ड्रग्स दिल्ली लाई जा रही है।
इस रैकेट में सबसे पहले कश्मीरी युवक रिजवान अहमद को 1 किलो हेरोइन के साथ पकड़ा गया जो दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा में हेरोइन की सप्लाई कर रहा था और उसे दिल्ली के घिटोरनी इलाके से गिरफ्तार किया गया । आरोपी ने खुलासा किया कि वह अफगानी नागरिक ईशा खान के लिए काम करता है। फिलहाल वह अफगानिस्तान में है।
उसका कहना था कि उसने यह हेरोइन पंजाब निवासी गुरप्रीत सिंह और गुरजोत सिंह को पहुंचाने के लिए दी थी। वह फरीदाबाद की एक बड़ी सोसायटी से ड्रग्स रैकेट चला रहे हैं। इस जानकारी के बाद स्पेशल सेल ने वहां छापा मारकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पार्किंग में खड़ी उनकी दो गाड़ियों एवं किराये के कमरे के बेड में छुपाए गए कुल 351 किलो हेरोइन बरामद हुई।
तीनों के निशानदेही पर हजरत अली को भी पकड़ा गया जिससे 2 किलो हेरोइन जप्त हुए और 100 किलो कच्चा रसायन जिसका इस्तेमाल हेरोइन बनाने में किया जाता था । आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह पुर्तगाल में छिपे नवप्रीत सिंह उर्फ नव के लिए भी काम करते हैं। पुलिस को पता चला कि यह पूरा नेटवर्क अफगानिस्तान एवं यूरोप में बैठे कुछ तस्कर चला रहे थे।
स्पेशल सेल को कुछ ऐसे इनपुट मिले हैं कि पाकिस्तान के रास्ते भी ड्रग्स को भारत भेजा जा रहा था। स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रोजाना एक हजार किलो हेरोइन का नशा करते हैं। देश भर में बीते डेढ़ दशक के दौरान हेरोइन नामक ड्रग्स के इस्तेमाल में तेजी से वृद्धि हुई है। 2004 में जहां 0.2 फीसदी लोग भारत में हेरोइन का इस्तेमाल करते थे तो वहीं 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 1.14 फीसदी हो गया है।
हेरोइन का मुख्य सप्लायर गोल्डन क्रेसेन्ट है, जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान एवं ईरान शामिल हैं। हेरोइन की तस्करी करने वाले समुद्र से लेकर हवाई रूट का इस्तेमाल दूसरे देशों तक इसकी खेप पहुंचाने के लिए करते हैं। भारत में हेरोइन खपाने के लिए अफगानिस्तान के तस्कर मुख्य रूप से हवाई रूट का इस्तेमाल करते हैं। तस्कर अपने शरीर में भी हेरोइन छुपा कर लाते हैं।
वह इसके कैप्सूल बना कर खा लेते हैं। भारत पहुंचने पर वह ऑपरेशन या शौच के जरिये इसे बाहर निकाल लेते हैं। हेरोइन की तस्करी में शामिल म्यांमार के तस्कर उत्तर पूर्वी राज्यों के रास्ते भारत में हेरोइन खपाते हैं। उत्तर पूर्वी राज्यों से यह हेरोइन दिल्ली-एनसीआर, यूपी, पंजाब आदि राज्यों के विभिन्न इलाकों में भेजी जाती है। अधिकांश रेव पार्टियों में हेरोइन का इस्तेमाल किया जाता है।