अर्चना कुमारी। 130 करोड़ की हेरोइन के साथ चार लोगों को दिल्ली पुलिस ने धर दबोचा। हाल के दिनों में यह बड़ी बरामदगी है और पुलिस का दावा है कि इस तरह के रैकेट उजागर होने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के ड्रग तस्करों के गैंग का पर्दाफाश किया गया। सूत्रों का दावा है कि यह गैंग गोल्डन क्रिसेंट और अफगानिस्तान से चलाया जा रहा था जबकि इस मामले को लेकर परवेज आलम, शम्मी कुमार, रजत गुप्ता और एक अफगानी नागरिक नसीम को पकड़ा गया। इनके कब्जे से 21 किलो 400 ग्राम हेरोइन बरामद की गई ,जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 130 करोड़ रुपये बताई गई ।
गिरोह के सदस्यों से करीब 26.53 लाख रुपए भी बरामद किए गए। क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है सूचना मिली कि कड़कड़डूमा के पास एक अफगानी नागरिक नसीम हेरोइन लेकर आएगा और इस जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने आरोपी के पास से 3 किलो हेरोइन बरामद की। आगे पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि उसके गैंग के सदस्य अफगानिस्तान से संबंध रखते हैं जबकि उसका साथी परवेज आलम उर्फ डॉक्टर हेरोइन तैयार करने का काम करता है।
खुलासा किया गया कि परवेज के पास बड़ी मात्रा में हेरोइन रखी हुई है और पुलिस टीम ने भजनपुरा इलाके में उसके ठिकाने पर छापा मारा। जिसके बाद तलाशी में उसके पास से 7.4 किलो हेरोइन और 4:45 लाख से अधिक नगद बरामद हुए । आगे की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है तथा पंजाब तक उनकी जड़े हैं। इसके बाद शम्मी कुमार को पकड़ कर 11 किलो हेरोइन और 22 लाख रुपए नकद बरामद किए गए।
सूत्रों का दावा है कि पंजाब में ड्रग्स बेचने वाले शम्मी कुमार पुलिस को बताया कि वह पंकज के इशारे पर काम करता है वहीं उनके फाइनेंस का पूरा काम रजत गुप्ता संभालता है। इसके बाद रजत गुप्ता को पकड़ा गया। पूछताछ के दौरान उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके पास बड़ी मात्रा में अफगानिस्तान से हीरोइन आती है और गिरोह के सदस्य गिरफ्तार नहीं हो सके ,इस वजह से वह व्हाट्सएप या अन्य एप्लीकेशन कॉल से आपस में बातचीत करते हैं। हवाई जहाज और समुद्र के रास्ते उनके पास लिक्विड फॉर्म में ओपियम आती है ,जिसे यहां पर हेरोइन बनाया जाता है ,बाद में हेरोइन की सप्लाई दूसरे राज्यों में कर दी जाती है।
परवेज आलम 51 वर्ष का है. वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा है जबकि वह ओपियम से हेरोइन बनाने का काम करता है। पुलिस का दावा है कि 2014 से वह हेरोइन की तस्करी में लिप्त है और वह पहले भी एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार हो चुका है। उसका कहना है कि जेल में रहने के दौरान वह कुछ अफगानी नागरिकों के संपर्क में आया और उनके साथ काम करने लगा, दूसरा आरोपी अफगानी नागरिक नसीम है। उसने भारत की रहने वाली एक महिला से शादी की है तथा पत्नी का इलाज कराने के लिए वह भारत आया था। तीसरा आरोपी शम्मी कुमार छठी कक्षा तक पढ़ा है और वह अमृतसर का रहने वाला है तथा ट्रैवल एजेंट का काम करता है। चौथा आरोपी रजत गुप्ता पंजाब का रहने वाला है, वह पंकज का फाइनेंस संभालता है, फिलहाल आरोपी पंकज फरार है।