अर्चना कुमारी । प्रधानमंत्री ने मोरबी की घटना पर हाई लेवल मीटिंग ली , इस बैठक में गुजरात के सीएम, गृह मंत्री,और टॉप अधिकारी मौजूद रहे, प्रधानमंत्री ने बचाव और राहत का जायजा लिया, साथ ही ये निर्देश दिया जरूरत मंद लोगों की हर संभव मदद की जाए।
प्रधानमंत्री की अगुवाई में हुई मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की बैठक जिसमे फैसला लिया इस बीच आगामी 2 तारीख को बुधवार को राज्य व्यापी शोक की घोषणा की घोषणा की गई, इस दिन राष्ट्रध्वज आधा झुका रहेगा और कोई भी राजनीतिक अथवा मनोरंजन का कोई कार्यक्रम नहीं होगा । वैसे यह भारत में ही संभव है कि हैंगिंग ब्रिज को बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के खोल दिया जाए।
लापरवाही का आलम देखिए कि हैंगिंग ब्रिज नवीनीकरण के नाम घटिया कार्य किया गया और प्रशासन मूकदर्शक बनी रही। इतना ही नहीं दूसरे की जान का जोखिम डालते हुए ब्रिज की क्षमता से ज्यादा टिकट बेचे गए जबकि हैंगिंग ब्रिज की छमता सिर्फ 100 लोगों की थी लेकिन यहां पर 400 लोगों को मरने की अनुमति दी गई। यह हादसा उस राज्य में हुआ जिसके मॉडल की चर्चा पूरे विश्व में की जाती है।
प्रधानमंत्री भी गुजरात मॉडल की चर्चा तो बहुत करते हैं लेकिन अंग्रेजों के कार्यकाल के हैंगिंग ब्रिज को खुद मुख्यमंत्री रहते हुए ना तो इसे स्थाई पुल में बदला गया और ना ही प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने इसकी जहमत उठाई । इस बीच मोरबी हादसे के बाद पुलिस ने सोमवार नौ लोगों को गिरफ्तार किया। आगे भी गिरफ्तारियां की जा सकती है जबकि जांच कार्रवाई में पता चला है कि अजंता घड़ी बनाने वाली कंपनी ओरेवा ने इस हैंगिंग ब्रिज के रखरखाव का जिम्मा ले रखा था।
गुजरात पुलिस का कहना है कि घटना के संबंध में गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है जबकि गुजरात पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें दो प्रबंधक, दो मरम्मत करने वाले कॉन्ट्रेक्टर पिता और पुत्र, तीन सुरक्षा गार्ड और दो टिकट क्लर्क शामिल हैं। सूत्रों का दावा है कि उनके नाम हैं- दीपक पारेख (44), दिनेश दवे (41), मनसुख टोपीया (59), मादेव सोलंकी (36), प्रकाश परमार (63), देवांग परमार (31), अल्पेश गोहिल (25), दिलीप गोहिल (33) और मुकेश चौहान (26)।
इस बारे में राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने कहा कि मोरबी में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना और गुजरात पुलिस सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए आईपीसी की 304, 308 धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है । उनका कहना था कि आरोप है कि पुल की संचालक कंपनी ने समय से पहले ही पुल को खोल दिया था और इस दिशा में जांच चल रही है।