जला अस्थियां बारी-बारी,
चटकाई जिनमें चिंगारी,
जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर,
लिए बिना गर्दन का मोल।
कलम, आज उनकी जय बोल।
जो अगणित लघु दीप हमारे,
तूफ़ानों में एक किनारे,
जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन,
मांगा नहीं स्नेह मुंह खोल।
कलम, आज उनकी जय बोल।
पीकर जिनकी लाल शिखाएं,
उगल रही सौ लपट दिशाएं,
जिनके सिंहनाद से सहमी,
धरती रही अभी तक डोल।
कलम, आज उनकी जय बोल।
अंधा चकाचौंध का मारा,
क्या जाने इतिहास बेचारा,
साखी हैं उनकी महिमा के,
सूर्य चन्द्र भूगोल खगोल।
कलम, आज उनकी जय बोल।
–रामधारी सिंह दिनकर
यह वीडियो राष्ट्र्कवि दिनकर की कविता ‘ कलम आज उनकी जय बोल’ पर आधारित है. इसे मैने अपनी आवाज़ में रिकार्ड किया है और वीडियो मे सुनीता नेगी जी के आर्ट्वर्क्स का प्रयोग हुया है. दोस्तों अगर आपको वीडियो पसंद आये तो लाइक, शेयर और सबस्क्राइब ज़रूर करें और वीडियो को दूसरे लोगों के बीच शेयर भी करें.
‘Kalam Aaj Unkee Jai Bol’ is a famous poem by one of the greatest figures of Hindi literature. Ramdhari Singh Dinkar. The poem urges all of us to celebrate the unsung heroes of India who have sacrificed their lives for the nation. If you like the content, please do like, share & subscribe. The artworks used in the video are of artist Sunita Nego who hails from Uttarakhand. Sunita Negi is also a policewoman.