अर्चना कुमारी । बिहार के लखीसराय में एक मुस्लिम महिला शौहर के द्वारा तलाक देने पर पूजा पाठ करने वाले ब्राह्मण समुदाय के हिंदू व्यक्ति से शादी कर ली । पूर्व में उसके दो बेटे थे और बाद में हिंदू पति से भी एक बेटा और एक बेटी हुए लेकिन अब महिला की मौत के बाद अंतिम संस्कार को लेकर घमासान मचा हुआ है।
हिंदू बेटे ने उसकी हिंदू रीति रिवाज से दाह संस्कार तो कर दी लेकिन उसका बेटा बबलू झा अचानक लापता हो गया अब उसका मुस्लिम बेटा अपने तरीके से संस्कार में जुटा है। हिंदू बेटे को गायब कर दिया गया है या फिर वह किस परिस्थिति में लापता हो गया।
यह तो पता पुलिस प्रशासन को नहीं है ,लेकिन बताया जाता है कि बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उसके हिंदू और मुस्लिम बेटों में ठन गई थी। बताया जाता है राईका खातून ने राजेंद्र झा नामक शख्स से दूसरी शादी की थी। शादी के बाद वह रेखा देवी बन गईं, लेकिन उसकी मौत के बाद तनाव फैल गया।
दोनों धर्म से जुड़े बेटे संस्कार को लेकर दावे करने लगे बाद में मामला पुलिस के पास पहुंचा , पुलिस की मौजूदगी में दस्तावेजों के आधार पर मां का हिंदू परंपरा के अनुसार ही अंतिम संस्कार कराया। लेकिन दावा किया गया कि वह नमाज पढ़ती रही थी, यह अजीबोगरीब मामला चानन थाना क्षेत्र के जानकीडीह इलाके का है। रेखा देवी की लंबी बीमारी के बाद मौत दिसंबर के पहले सप्ताह में हो गई।
उसके पति राजेंद्र झा की पूर्व में मौत हो चुकी है, रेखा का एक बेटा बबलू और बेटी तेतरी देवी हिंदू है, वहीं दूसरा बेटा मुस्लिम मोहम्मद मोखील और सोनेलाल है। ऐसे में एक बेटा अपनी मां का अंतिम संस्कार हिंदु तरीके करना चाहता था, तो वहीं दूसरा मां को दफनाने की इच्छा जता रहा था।
मामले को तूल पकड़ता देख ग्रामीणों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही लखीसराय के एएसपी सैयद इमरान मसूद पुलिस दल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने दोनों को समझा-बुझाकर आपसी सहमति से अंतिम संस्कार कराने की सलाह दी क्योंकि मुस्लिम महिला हिंदू पति के साथ रह रही थी।
लेकिन इसी बीच हिंदू बेटा दाह संस्कार के के बाद अचानक लापता है और पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठी है और उसका मुस्लिम बेटा चालीसवां करने की तैयारी में जुटा है। पूछताछ के दौरान पुलिस ने पाया कि वोटर आईडी कार्ड में महिला रेखा खातून का नाम रेखा देवी के नाम से दर्ज है और पति का नाम राजेंद्र झा है।
पुलिस ने दस्तावेज के आधार पर तय किया कि बुजुर्ग महिला का हिंदू होने की वजह से हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाना ही सही रहेगा। लेकिन इसके बावजूद उसके मुस्लिम बेटे को अंतिम संस्कार करने की कैसे अनुमति दी गई ,यह समझ से परे है, कहा जाता है कि आपसी सहमति के आधार पर यह फैसला हुआ था लेकिन बबलू झा कहां चला गया, यह किसी को पता नहीं है। बबलू झा अपनी मर्जी से गायब हुआ है तो भी वह अपनी मां की 13वीं के लिए नहीं पहुंचा । मामला संदिग्ध है लेकिन बिहार पुलिस की नाकामी से स्पष्ट नहीं है।