पूरा-सिस्टम सड़ा – गला है , भ्रष्टाचार की जंग है ;
हिन्दू ! अब तुम चुप न बैठना , जीवन – मरण की जंग है ।
शांतिप्रिय हैं सारे हिन्दू , व्यर्थ का झगड़ा कभी न चाहें ;
पूरा-पूरा कानून पे आश्रित , लड़ना-झगड़ना कब चाहें ?
पर गांधी की गंदी- माया , पहले भारत को कटवाया ;
फिर अपनी तानाशाही से , नेहरू को पीएम बनवाया ।
गाजी गयासुद्दीन का पोता , नेहरू पूरा इस्लामी था ;
केवल फर्जी नाम था हिन्दू , पूरा जेहादी – कामी था ।
महाभ्रष्ट पूरा था नेहरू , चरित्रहीन – मक्कार था ;
भ्रष्टाचार बढ़ाया कितना ? राष्ट्र का वो गद्दार था ।
पुलिस-प्रशासन भ्रष्ट कर दिया, पूरा शासन नष्ट कर दिया ;
धर्म-सनातन का था दुश्मन , अनाचार से भ्रष्ट कर दिया ।
गांधी की अहिंसा झूठी , केवल उसकी कायरता थी ;
जेहादी का गुलाम था पूरा , नष्ट करी मानवता थी ।
गांधी के जितने भी चेले , चरित्रहीन – कमजोर हैं ;
गुंडों से ये थर – थर कांपे , केवल हिन्दू पर जोर है ।
जगह – जगह शाहीन – बाग हैं , रोड – जाम होते रहते हैं ;
गुंडों की हिंसा बेकाबू , आये – दिन हिन्दू मरते हैं ।
हिन्दू बेटी को जला के मारा , नेता कहता बेटी बचाओ ;
पली – पुसी हिन्दू की बेटी , पहले गुंडों से इन्हें बचाओ ।
पर कौन बचाये हिन्दू- बेटी ? कानून- व्यवस्था ध्वस्त है ;
अब्बासी – हिन्दू कायर – नेता , सत्ता में ही मस्त है ।
हिन्दू ! अपनी करो सुरक्षा , एक – एक मारे जाओगे ;
कभी तुम्हारा गला कटेगा , और कभी गोली खाओगे ।
अब्बासी – हिन्दू के ही कारण , पूरी पुलिस नपुंसक है ;
कौन करे हिन्दू की रक्षा ? उसका रक्षक ही भक्षक है ।
हिन्दू जिसको नेता समझा , वो निकला अब्बासी- हिन्दू ;
सबसे बड़ा हिन्दू का दुश्मन , सरकारी – अब्बासी हिंन्दू ।
हिन्दू इनके जाल को काटो,अब्बासी-हिन्दू को धूल चटाओ;
उदय हो चुका “इकजुट-जम्मू””इकजुट-भारत” इसे बनाओ।
हर हाल में सत्ता हिन्दूवादी , इसकी ही सरकार बनाओ ;
हर हिन्दू – बेटी की रक्षा , देश को हिन्दू – राष्ट्र बनाओ ।
हिन्दू – राष्ट्र बनेगा भारत , तब ही हिन्दू बच पायेगा ;
वरना ये अब्बासी – हिन्दू , हिन्दू को खा जायेगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”