बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ , जेहादी की भेंट चढ़ाओ ;
बाद में पैंतीस – टुकड़े उसके , इधर-उधर जंगल में पाओ ।
इसकी पूरी जिम्मेदारी , भारत की सरकारों पर ;
झूठा – इतिहास पढ़ाने वाले , चरित्रहीन मक्कारों पर ।
शांति का मजहब कहने वाले , शत्रु – बोध को नष्ट कर रहे ;
अलतकिया सिद्धांत के चलते , हिंदू की बेटी भ्रष्ट कर रहे ।
सबसे बड़े धर्म के दुश्मन , धर्म – सनातन मिटाना चाहें ;
इनको मजहब ही भाते हैं , गजवायेहिंद कराना चाहें ।
मार कुंडली बैठे मंदिर पर , हिंदू का धन लूट रहे ;
उस धन से इनकी अय्याशी और जजिया में लुटा रहे ।
सबसे बड़े यही दोषी हैं , धर्मांतरण अपराध के ;
मिलीभगत मजहब वालों से , साझीदार हैं पाप के ।
बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा,अब्बासी हिंदू सत्ता में आया;
झूठे-इतिहास व गंदी-शिक्षा ने ही , इसका काम बनाया ।
इसकी चिकनी-चुपड़ी सुनकर, हिंदू-जनता फंसीजाल में ;
फंसा जाल में बेबस – हिंदू , जाता काल – कराल में ।
धोखेबाजी में फंसकर बेटी , जार – जार आंसू रोती ;
इधर गले कटते हिंदू के , सब – सरकारें पाप ये ढोतीं ।
कोई नहीं दूध का धोया , सब हमाम में नंगे हैं ;
जिहादी से कितना डरते हैं ? रोक न पाते दंगे हैं ।
कोई नहीं हिंदू का रक्षक , सारे बन गये भक्षक हैं ;
हिंदू ! स्वयं करो आत्मरक्षा , सर कुचलो जो तक्षक हैं ।
हिंदू ! साहस – शौर्य जगाओ , धर्म – सनातन में आओ ;
सबसे पहला कार्य ये करना, अब्बासी – हिंदू को हराओ ।
विकल्पहीन अब नहीं है हिंदू ,”इकजुट-भारत” आने वाला ;
इकजुट-जम्मू , इकजुट-हिंदू , इकजुट-भारत बनने वाला ।
जब अच्छी सरकार बनेगी , हिंदू – बेटी की रक्षा होगी ;
शत्रु-बोध को करेगी जागृत , धर्म की अच्छी-शिक्षा होगी ।
अच्छी-शिक्षा , सच्चा-इतिहास , साहस और शौर्य देगा ;
बेटी “लक्ष्मी – बाई” होगी , बेटा “वीर – शिवा” होगा ।
मंदिर पूर्ण – स्वतंत्र बनेंगे , हिंदू – शिक्षा का केंद्र बनेंगे ;
चरित्रवान सब बच्चे होंगे , भारत के सिरमौर बनेंगे ।
सन चौबीस के चुनाव में ही , “इकजुट-भारत” जीतेगा ;
हर – हिंदू का पूर्ण – समर्थन , भारत “हिंदू-राष्ट्र” बनेगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”, रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”