अल्पसंख्यक मंत्रालय क्यों है? बहुसंख्यक मंत्रालय लाओ ;
मदरसा शिक्षा बोर्ड बना है , गुरुकुल शिक्षा बोर्ड बनाओ ।
कोई नहीं है ऊँचा-नीचा , सबको एक धरातल लाओ ;
मस्जिद,गिरजा,गुरुद्वारा की तरह,मंदिर को स्वतंत्र बनाओ ।
मंदिर से सरकारी- नियंत्रण , उसको अब तत्काल हटाओ ;
तुष्टीकरण की गंदी – कीमत , हिंदू -धन से नहीं चुकाओ ।
हिंदू अपने देश का मालिक , उसे गुलाम न समझो तुम ;
सर्वश्रेष्ठ है धर्म – सनातन , उसको कभी न समझो कम ।
वोटबैंक निर्माण व्यर्थ है, अल्पसंख्यकवादको नहीं बढ़ाओ ;
वोट बैंक का वोट न तुझको , चाहे जितनी शक्ति लगाओ ।
चुनाव जीत कर ही क्या होगा?भला राष्ट्र का कर न पाओ ;
रोड बना कर भी क्या होगा ? रोड जाम को हटा न पाओ ।
सात साल बर्बाद कर दिये , अब तो राष्ट्र का भला करो ;
बाजी अभी पलट सकती है , राष्ट्र – मार्ग पर चला करो ।
हरदम राष्ट्र के हित को देखो , सबका हित हो जायेगा ;
जात-पांत, मजहब न देखो , लाभ सभी का हो जायेगा ।
दृढ़-निश्चय तुम पक्का कर लो , पक्षपात न करना है ;
सबको एक बराबर समझो , बेईमानी न करना है ।
पहला काम जो तेरा होगा , अल्पसंख्यकवाद हटाना है ;
अल्पसंख्यक मंत्रालय खत्म करो,अब तुष्टीकरण हटाना है ।
इसी के साथ ही इतिहास सुधारो, झूठा इतिहास मिटाना है;
गौरवशाली इतिहास हमारा , उसे सामने लाना है ।
कानून – व्यवस्था एकदम चौकस , भ्रष्टाचार हटाना है ;
देशद्रोह को कभी न सहना , दुश्मन की चाल मिटाना है ।
हिंदू , मुस्लिम , सिख , ईसाई , सबकी रक्षा करना है ;
हिंदू – संग जो भेद-भाव है , जड़ से उसे मिटाना है ।
इजरायल की तरह ही लड़ना , आतंकवाद निपटाना है ;
खून – खराबे से मत डरना , धर्म – युद्ध को करना है ।
एटमबम भी यदि चल जाये , इससे न घबराना है ;
चीन – पाक की ऐसी – तैसी , दुनिया से इन्हें मिटाना है ।
हिंदू रोके नहीं रुकेगा , ये सब कुछ तो होना ही है ;
हिंदू – हित करना ही होगा ,हिंदू – राष्ट्र तो बनना ही है ।
जो इसके विपरीत सोचता , उसे नष्ट हो जाना है ;
सदियों गहरी निद्रा सोया , अब हिंदू जग जाना है ।
“वंदेमातरम-जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”