अब्राहमिक शासन चला रहा है , भारत में अब्बासी-हिन्दू ;
स्टॉकहोम सिंड्रोम से पीड़ित , नेता जो अब्बासी – हिंदू ।
सच्चर – कमेटी का बोझा ढोता , ऐसा ही है ये खच्चर ;
हिंदू ! इसका चक्कर छोड़ो , क्यों बनते हो घनचक्कर ?
जो भी हिंदू करे समर्थन , अपनी चिता सजाता है ;
स्वार्थ ,लोभ ,भय ,भ्रष्टाचारवश , अपनी मौत बुलाता है ।
धर्म – सनातन को अपनाओ , हिंदू ! अपनी जान बचाओ ;
अब तो एक मार्ग है केवल , देश को “हिंदू-राष्ट्र” बनाओ ।
और नहीं कोई मार्ग है दूजा , अब तक देखी सारी सरकार ;
सब के सब मक्कार ही निकले , कोई नहीं अच्छी सरकार ।
अब्राहमिक शासन का सबूत है ,मंदिर पर सरकारी कब्जा ;
हिन्दू-मंदिर लूट-लूटकर , उस धन पर गुंडों का कब्जा ।
पूरा टैक्स – बोझ हिंदू पर , जोंक की तरह रक्त चूसते ;
पर फिर भी नहीं सुरक्षा कोई, कितने हिंदू के गले हैं कटते ।
मुल्ला – मौलवी को तनख्वाहें , ये सरकारें क्यों देतीं ?
इनका झूठा सेक्युलरिज्म है , ये केवल धोखा देतीं ।
कितना घटिया संविधान है ? हिंदू को दोयम दर्जा ;
फौरन संविधान को बदलो , एक समान हो सबका दर्जा ।
पर ये काम करेगा कौन ? गले में घंटी बांधे कौन ;
वर्तमान दल नहीं करेंगे , इस पर पूरे हैं ये मौन ।
अब तो केवल एक ही आशा , जम्मू में सूर्योदय है ;
इकजुट-जम्मू,इकजुट-हिंदू,इकजुट-भारत का सूर्योदय है ।
हिंदू ! तजो दीनता अपनी , अपना गौरव याद करो ;
झूठे-इतिहास ने भुला दिया था , उसको पूरा साफ करो ।
हिंदू कितना निस्सहाय है ? कोई दल नहीं हमारा है ;
निस्सहाय अब नहीं है हिंदू , “इकजुट-भारत” का नारा है ।
अब अंधकार जाने वाला है, उज्जवल भविष्य आने वाला है;
भारत का सौभाग्य जगाने , “इकजुट-भारत” आने वाला है।
“इकजुट-भारत” शीघ्र आयेगा , पूरी – पूरी तैयारी है ;
अब्बासी-हिंदू की तय है विदाई , इसकी ही अब बारी है ।
पर ये डेढ़ बरस घातक हैं , अब्बासी – हिंदू घात करेगा ;
हिंदू ! सदा जागते रहना , जागा हिंदू ही प्रतिघात करेगा ।
हिंदू अब न अन्याय सहेगा और न ही होने देगा ;
हर हालत में अब्राहमिक-राज्य को , भारत से जाना होगा ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”,रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”