अब्बासी-हिंदू की आंख में, मिर्ची सी किरकिरी कौन बना ?
अभी तो केवल दो ही नेता , जल्दी ही पूरा देश बना ।
यूपी में योगी बाबा हैं और आसाम में हेमन्ता ;
ये दोनों ही नर – नाहर हैं , धर्म के दुश्मन का अंता ।
यूपी में काले – बादल हैं , जिनका धुआं निकल जायेगा ;
सत्य का सूरज सदा ही चमके , कोई न ढंक पायेगा ।
जितने भी षड्यंत्र चल रहे , पूरी तरह नष्ट होना है ;
जो भी अदृश्य-हाथ हैं पीछे , उनको नष्ट-भ्रष्ट होना है ।
नाम न लेवा रहेगा उनका , केवल धर्म – सनातन होगा ;
बॉलीवुड की तरह दुर्दशा , पूरी तरह फ्लॉप होगा ।
बुझने से पहले दिया भभकता , ऐसा ही अब्बासी – हिंदू ;
झूठे-प्रचार से जिला रहे थे,उसको अब तक सरकारी-हिंदू ।
झूठे-प्रचार की पोल खुल चुकी , सत्य-सूर्य का सूर्योदय ;
साधुवाद है सोशल – मीडिया , अब तो होगा धर्मोदय ।
धर्मोदय ही सूर्योदय है , किसमें दम है रोक सके ?
जाना तय अब्बासी – हिंदू का , कोई भी न रोक सके ।
इसका पूरा दारोमदार अब , भारत के हर – हिंदू पर है ;
हिंदू ! तुम अब सो न जाना , पूरा दायित्व तुझी पर है ।
अबकी सत्ता हिंदूवादी और न कोई दूजा मार्ग ;
सर्वश्रेष्ठ है “इकजुट – जम्मू”, उसको देना जीत का मार्ग ।
“इकजुट-जम्मू”” इकजुट-हिंदू”” इकजुट-भारत” ही होगा ;
देश की सत्ता इसको देकर , हिंदू – धर्म बचाना होगा ।
महासमर आने वाला है , दो-वर्ष भी समय नहीं है ;
एक-एक क्षण उपयोग करो सब,अब रुकने का काम नहीं है
सारे – हिंदू गोलबंद हों , वोट- बैंक सब बन जाओ ;
इसके बिना न काम चलेगा , तब ही हिन्दू सत्ता पाओ ।
अब योगी – हेमंता आयें , अपना एक नया दल लायें ;
“इकजुट-जम्मू” साथ में लेकर, देश को हिंदू-राष्ट्र बनायें ।
चारों ओर संकट के बादल , भले-लोग न रह पायेंगे ;
केवल हिंदू – राष्ट्र ही ऐसा , जब भले लोग ही रह पायेंगे ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”