अर्चना कुमारी । हल्द्वानी हिंसा में एक हिंदू युवक को गोली मारकर शव रेल पटरी पर फेक दिया गया था। वायरल एक वीडियो में एक महिला रोते हुए बता रही हैं कि उनका बेटा अजय दवाई लेने गया था लेकिन उसे गोली मार दी गई।
इसी दंगे में बाजपुर के प्रकाश कुमार को भी तीन गोली लगी थी। जिनको बाद में उठाकर रेलवे पटरी पर फेंक दिया गया। पुलिस ने उनका शव बरामद कर दिया है। अबतक हल्द्वानी बनभूलपुरा में जिन पांच लोगों की मौत हुई, सबकी वजह गोली लगने के कारण ही बताई जा रही है।
अब हल्द्वानी के बाद वहाँ पुलिस प्रशासन लगातार स्थिति को सामान्य करने की कोशिशों में है। ज्यादातर जगहों पर हालात नियंत्रित करके कर्फ्यू हटा लिया गया है। लेकिन बनभूलपुरा में अब भी कर्फ्यू लगा है। इस बीच पुलिस ने हिंसा भड़काने के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता मतीन सिद्दीकी के भाई जावेद सिद्दीकी को भी गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक के नाम का भी खुलासा किया है। उसी के कब्जे में जमीन थी। जहाँ से अवैध मस्जिद हटाई गई है। इसके अलावा जाँच में एक और समाजवादी पार्टी नेता का नाम भी सामने आया है। इनमें एक का नाम अरशद अयूब है। बनभूलपुरा का पार्षद जीशान परवेज भी पुलिस की रडार में है।सूत्रो ने बताया दंगाइयों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू हो गई है। सीसीटीवी की मदद से दंगाइयों की पहचान की जा रही है।इसके अलावा ड्रोन से इलाकों में निगरानी रखी जा रही।
स्थिति संभालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात है। इस बीच मीडिया में मृतकों के साथ हुई वीभत्स को लेकर कई खुलासे हुए हैं। पता चला है कि दंगाई भीड़ सड़कों पर अवैध असलहों के साथ उतरी थी, जिनसे उसने कई निर्दोषों को मौत के घाट उतार दिया। अब उन मृतकों के परिजनों की रोती-बिलखती तस्वीरें आ रही है।इनमें कुछ मुस्लिम भी हैं।
जिसके कारण एक गिरोह इस खबर को ऐसे फैला रहा है जैसे पुलिस की गोलियों से ये घटना हुई जबकि दंगे के दौरान अधिकांश पुलिस के पास लाठी-डंडे थे। वहीं दूसरी ओर दंगा करने वालों के पास ईंट-पत्थर, पेट्रोल, अवैध असलहे आदि थे।